By रेनू तिवारी | Mar 28, 2023
नयी दिल्ली। साल के बजट सत्र में टेक्सपेयर को क्या मिला-क्या नहीं ये बस बजट के दौरान हमने देखा लेकिन पीएफ खाते वालों के लिए एक अच्छी खबर आ रही हैं। करोड़ों पीएफ खाताधारकों (PF Account Holders) को इन नवरात्री में सरकार का तौहफा मिला हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ट्रस्ट ने मंगलवार को चालू वित्तवर्ष (2022-23) के लिए ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया है। अब EPFO के 7 करोड़ से अधिक खाताधारकों को 8.15 फीसदी का ब्याज मिलेगा। यानी की जिन लोगों का पीएफ अकाउंट हैं और उसमें पैसा जाता है तो उन्हें अब 8.15 का ब्याज मिलेगा। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की दो दिन चली बैठक के बाद पीएफ की ब्याज दरों में 0.05 फीसदी बढ़ोतरी का फैसला किया गया।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन वालों की बल्ले-बल्ले
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर निर्धारित कर दी। ईपीएफओ 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर मार्च, 2022 में चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ले आया था। यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत हुआ करती थी। 2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी।
ईपीएफओ में जमा पैसे पर मिलेगा 8.5 प्रतिशत ब्य़ाज
एक सूत्र ने कहा, ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है।’’ मार्च, 2021 में सीबीटी ने 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत कर दिया था। अब सीबीटी के निर्णय के बाद, 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की जानकारी वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों के खातों में डाल दी जाएगी। मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर ला दिया था।
2018-19 के लिए यह 8.65 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2016-17 में ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था, 2017-18 में यह 8.55 प्रतिशत, 2015-16 में 8.8 प्रतिशत था। 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी, 2012-13 में यह 8.5 प्रतिशत थी। 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।