By रितिका कमठान | Jul 09, 2023
उत्तर भारत के जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली तक बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। हर तरफ आसमान से बादल बरस रहे है। भीषण बारिश के कारण हर तरफ जलजमान की स्थिति हो गई है। कई जगहों में भारी बारिश से लोगों का जीन दूभर हो गया है। बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दिल्ली सरकार ने स्कूल भी कल के लिए बंद रखने का फैसला किया है।
मॉनसून अपने चरम पर है, जिस कारण लगातार बारिश हो रही है। कई राज्यों मे बारिश के कारण आफत बरस रही है। हिमाचल प्रदेश की मंडी में बंजार औट बाईपास और औट को जोड़ने वाला 40 वर्षों पुराना पुल टूट गया। व्यास नदी के ऊपर बना ये पुल ऊफान के कारण बह गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें पुल कुछ ही सेकेंड में बहते हुए दिख रहा है।
मॉनसून के दौरान कई पहाड़ी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है, जिससे लोगों के लिए मुसिबत काफी बढ़ गई है। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा भी व्यास नदी में उफान के चलते बह गया है। उत्तराखंड में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने हर तरफ मुश्किलें बढ़ने का अनुमान लगाया है।
हिमाचल में पांच लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर लगातार जारी है, बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और आवासों को नुकसान पहुंचा है तथा विभिन्न घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। शिमला जिले के कोठगढ़ इलाके में भूस्खलन से एक घर ढह गया जिसमें परिवार के तीन सदस्यों की मौत हुई। राज्य आपदा अभियान केंद्र के अनुसार, राज्य में बीते 36 घंटों में भूस्खलन की 13 और बाढ़ की नौ घटनाएं हुई। राज्य में रविवार सुबह तक 736 सड़कें बाधित रहीं जबकि 1,743 ट्रांसफॉर्मर और 138 जल आपूर्ति परियोजनाएं प्रभावित रहीं। राष्ट्रीय राजमार्ग 21 राज्य के ‘6 माइल’ स्थान पर बाधित रहा। मनाली-चंडीगढ़ मार्ग भी मनाली के पास धंस गई। शिमला जिले में कई सड़कें बंद कर दी गई हैं।
यमुना का जल स्तर खतरे के पार होगा
दिल्ली में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। इसके मंगलवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार करने की आशंका है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर रविवार दोपहर एक बजे 203.18 मीटर था, जबकि खतरे का स्तर 204.5 मीटर है। सीडब्ल्यूसी ने एक परामर्श में कहा कि मंगलवार को सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने की आशंका है।
उत्तराखंड में आठ लोगों की मौत
भूस्खलन के कारण वाहन दुर्घटना और मकान गिरने की घटनाओं में आठ लोगों की मृत्यु हो गयी तथा छह अन्य घायल हो गए। खराब मौसम के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को चौकस रहने के निर्देश देते हुए लोगों को अनावश्यक आवागमन से बचने को कहा है। कई स्थानों पर भूस्खलन होने से मार्ग बंद हो गए हैं जिससे आम जन-जीवन के प्रभावित होने के साथ ही चारधाम यात्रा में भी रूकावट आ रही है। लगातार बारिश के कारण गंगा सहित प्रदेश की प्रमुख नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। प्रदेश में लगातार बारिश होने से नदियों का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और पर्याप्त सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में उन्हें ‘हाई अलर्ट’ पर रहने, नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी करने, किसी भी अधिकारी को अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं करने तथा भारी वर्षा की चेतावनियों के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों को आवागमन की अनुमति न देना शामिल है।