By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 21, 2019
मुंबई। डिजिटल उपयोगकर्ताओं में तीव्र वृद्ध के साथ क्षेत्रीय मांग बढ़ने से मीडिया और मनोरंजन उद्योग 2018-19 में 13 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1,63,100 करोड़ रुपये पहुंच गया। इसके चालू वित्त वर्ष में 12 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है।
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हालांकि केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार अगर दूरसंचार नियामक ट्राई नये शुल्क आदेश से अनिश्चितता और आर्थिक नरमी के संकेत नहीं होते तो उद्योग में 1-2 प्रतिशत की और वृद्धि होती। वित्त वर्ष 2019-20 में मीडिया और मनोरंजन उद्योग की वृद्धि अपेक्षाकृत कम रह सकती है। एक अन्य दौर के नियामकीय बदलाव की संभावना के साथ इसके 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,880 अरब रुपये पहुंच जाने का अनुमान है।
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केपीएमजी के भागीदार और मीडिया और मनोरंजन मामलों के प्रमुख गिरीश मेनन ने मंगलवार को कहा कि अगर अप्रैल-मई में आम चुनाव और विश्व कप क्रिकेट के कारण विज्ञापन पर व्यय अधिक नहीं होता तो वृद्धि 12 प्रतिशत से भी नीचे जा सकती थी। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में टेलीविजन के समक्ष कई चुनौतियां रही और वास्तव में वृद्धि दर पिछले साल के अनुमान से कम रही। इसका कारण नये शुल्क आदेश के क्रियान्वयन में देरी है।