By रितिका कमठान | Apr 09, 2025
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में बुधवार नौ अप्रैल को गिरावट कर दी है। रेपो रेट में 25 आधार अंकों से घटाया गया है। अब रेपो रेट छह फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। रेपो रेट में गिरावट का फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ के मद्देनजर लिया गया। रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए इस कदम से बैंकों से उधार लेने की लागत में कमी आएगी। इस कारण बैंक ग्राहकों को कम दरों पर लोन दे सकेगा। आने वाले समय में लोन की ईएमआई कम होने की संभावना है।
आरबीआई के राज्यपाल संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बुधवार को तीन दिवसीय बैठक का समापन हुआ है। इस बैठक के समापन पर ये निर्णय की घोषणा की गई है। इस बैठक की शुरुआत सात अप्रैल को हुई थी। आरबीआई गवर्नर ने कहा, "वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थितियों तथा परिदृश्य के विस्तृत आकलन के बाद एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंकों से घटाकर 6 प्रतिशत करने के लिए मतदान किया।"
आरबीआई की घोषणाएं
एमपीसी ने अपना रुख उदार निर्णय लेने का है। संजय मल्होत्रा ने कहा कि इस बैठक में कहा गया कि तेजी से विकसित हो रही स्थिति के लिए आर्थिक परिदृश्य की निरंतर निगरानी और आकलन की आवश्यकता है।" आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निवेश गतिविधि में तेजी आई है तथा निरंतर क्षमता उपयोग के कारण इसमें और सुधार होने की उम्मीद है।
आरबीआई ने जीडीपी वृद्धि अनुमान घटाया
आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को पहले के 6.7 प्रतिशत के अनुमान से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। इस बैठक में केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 26 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को पहले के 4.2 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई गवर्नर के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने प्राथमिकता क्षेत्र के ऋणों से परे सह-ऋण के दायरे का विस्तार किया है।
केंद्रीय बैंक ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुसार व्यक्ति से व्यापारी तक यूपीआई लेनदेन की सीमा को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया है। मल्होत्रा ने कहा, "हमारा लक्ष्य बेहतर मांग और सतत वृहद आर्थिक संतुलन की नींव पर आधारित गैर-मुद्रास्फीतिकारी विकास हासिल करना है।" पिछले सप्ताह ट्रंप ने भारतीय आयात पर 26 प्रतिशत का भारी-भरकम पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी। ये शुल्क आज से लागू हो गए हैं।