America में अभी तक पूरी नहीं हुई वोटों की गिनती, Elon Musk ने की आलोचना, भारत की तारीफ की

By एकता | Nov 24, 2024

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति भी चुने जा चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके अमेरिका के कई हिस्सों में, विशेष रूप से कैलिफोर्निया में, अब तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हुई है। ये अपने आप में हैरानी की बात है। अमेरिका में 5 नवंबर को मतदान हुआ था और 20 दिन बाद भी देश में मतगणना पूरी नहीं हुई है। इन सब के बीच भारत में शनिवार को झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों समेत कई राज्यों में उप चुनाव की मतगणना हुई। मतगणना शनिवार सुबह शुरू हुई और शाम तक सभी चुनावों के नतीजे आ गए।


एलन मस्क ने भारत की मतगणना प्रक्रिया की तारीफ करते हुए कैलिफोर्निया में सुस्त वोटों की गिनती आलोचना की। उन्होंने रविवार सुबह एक्स पर एक पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'भारत ने 1 दिन में 640 मिलियन वोट गिने। कैलिफोर्निया अभी भी वोटों की गिनती कर रहा है।' मस्क ने जिस पोस्ट को रिट्वीट किया था वो एक न्यूज की हैडलाइन का स्क्रीनशॉट था, जिसपर लिखा था कि भारत ने एक दिन में 640 मिलियन वोट कैसे गिने।


 

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शनिवार को विधानसभा की मतगणना से पहले, भारत ने इस साल की शुरुआत में अपने लोकसभा चुनाव आयोजित किए, जिसमें 900 मिलियन से अधिक पात्र मतदाता शामिल थे। इनमें से रिकॉर्ड तोड़ 642 मिलियन लोगों ने वोट डाले। विशाल पैमाने के बावजूद, मतगणना के एक ही दिन के भीतर परिणाम घोषित किए गए थे।


भारत ने कैसे वोटों की गिनती होती है?

भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के ज़रिए वोटिंग होती है। साल 2000 से इस्तेमाल की जा रही ये मशीनें तेज़ और सटीक गिनती सुनिश्चित करती हैं। ईवीएम के साथ वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल होता है। वीवीपीएटी प्रणाली पारदर्शिता बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। ये हर वोट के लिए एक पेपर स्लिप बनाती है ताकि ज़रूरत पड़ने पर वोटों का सत्यापन किया जा सकता है।

 

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कैलिफोर्निया में वोटों की गिनती में देरी क्यों हो रही?

अमेरिका में वोटों की गिनती कई हफ्तों तक चलती है क्योंकि यहां ज्यादातर वोटिंग मेल के जरिए होती है। इन मतपत्रों को संसाधित करने में कई चरण शामिल होते हैं जैसे मतपत्र लिफ़ाफ़ों पर हस्ताक्षर का सत्यापन, मतपत्रों को खोलना और उनकी गिनती करने से पहले उन्हें छांटना, आदि। बता दें, राष्ट्रपति चुनाव के हफ्तों बाद भी 300,000 से ज़्यादा मतपत्रों की गिनती नहीं हो पाई। यहीं वजह है कि मस्क ने इसकी आलोचना की है।

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