गुना। मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां शिवराज सरकार किसानों की मदद के लिए तरह-तरह की जनहितैषी योजनाएं चला रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनी के अधिकारी अपने मनमाने रवैए से किसानों को परेशान करने में लगे हुए हैं। ताजा मामला गुना जिले के चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिंगापुरा से सामने आया है। जहां पांच साल से बिजली न होने के बावजूद 18 किसानों को लाखों रुपये का बिल थमा दिया। यही नहीं किसानों की शिकायत के बाद जैसे-तैसे आधा बिल माफ कर दिया गया। लेकिन हाल ही में इन किसानों को शेष बिल जमा करने के आदेश दिए गए हैं। जिससे यह किसान बेहद परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अब वे इतनी बड़ी राशि कैसे और कहां से जमा करेंगे।
दरआसल ग्राम सिंगापुरा के किसानों ने बताया कि बिजली कंपनी के कार्यालय में वर्ष 2019 में 15 हजार रुपये जमा कर सिंचाई के लिए कनेक्शन लिया था। ऐसे 18 किसानों ने 15 हजार रुपये के मान से दो लाख 70 हजार रुपये की राशि जमा की थी। इसके बाद कोरोना काल में सरकार ने बिल माफ करने की घोषणा की थी। जिसे लेकर सभी किसानों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसके बाद सभी 18 किसानों के आधे बिल ही माफ किए गए। इसके उन्हें शेष राशि का बिल भरने के आदेश दिए गए हैं। वही बिल थमाए जाने के बाद से लेकर अब तक किसानों को दिए गए कनेक्शन पर बिजली ही नहीं आ रही।
जबकि जारी आदेश में बताया गया है कि सिंगापुरा गांव के 18 किसानों पर कुल 8 लाख 58 हजार 251 रुपये बकाया है। इनमें से 2 लाख 70 हजार जमा हैं। जबकि 4 लाख 72 हजार बिल माफ हो चुका है। अब किसानों को शेष 3 लाख 86 हजार 251 रुपये की राशि जमा करना है। ऐसे में किसानों को चिंता सता रही है कि वह बिल की इतनी बड़ी राशि कैसे भरेंगे। जबकि बिजली कंपनी के अधिकारी एसपी शर्मा का कहना है कि किसानों का आधा बिल माफ किया गया है, वह शासन के नियमानुसार ही किया गया है। शेष राशि किसानों को जमा करना होगी। जहां तब बिना बिजली के बिल देने का आरोप है तो ऐसा नहीं हो सकता है। इन किसानों ने सिंचाई के लिए कनेक्शन लिया होगा।