पानी पर बैठक में चुनावी बर्फ (व्यंग्य)

By संतोष उत्सुक | May 08, 2019

गर्मी ने सर्दी को भगा दिया हो, बढ़ती गर्मी में चुनाव की गंगा बह रही हो तो हर कोई हाथ धो लेना चाहता है। इसमें बुरा भी क्या है, माफ करें अब बुरा तो कुछ भी नहीं। वोटों की खनक के बीच, निरंतर सो रही हमारे शहर की जागरूक एनजीओ भी जाग उठी। यह मानते हुए कि पानी जैसी बह जाने वाली नाचीज़ को कोई पार्टी मुद्दा नहीं बनाएगी उन्होंने सभी मनचाहे बंदों की पब्लिक बैठक आयोजित की। क्षेत्र की पानी बनाने वाली कंपनी से सम्पर्क किया तो वे अपना पालिथिन का बैनर लटकाने और पलास्टिक बोतलों में पैक्ड वाटर मुफ्त देने के लिए तैयार हो गए। सिर्फ बातें चखने के लिए कोई नहीं आता इसलिए बढ़िया नाश्ता व प्लास्टिक गिलास में चाय का प्रबंध संभावित सांसद ने तनमनधन से किया। उन्हें पता था मुख्य वक्ता वही होंगे। 

इसे भी पढ़ें: फुल टू मनोरंजन है चुनाव और आईपीएल (व्यंग्य)

नेताजी ने हाथ हिलाते हुए, हृदय वचनों में कहा, ‘आज मुझे फिर अपने क्षेत्र की चिंता आन पड़ी है। आप तो जानते हैं पानी की कमी तो केपटाउन में भी हो रही है, बारिश का होना परम पिता परमात्मा की स्वेच्छा पर आधारित है। गर्मी, दुनिया में फैल रहे ग्लोबल टैम्परेचर की वजह से है। इसके बारे कल रात की सभा में भी स्पष्ट आश्वासन दिया है, अगली सरकार बनने के बाद कुछ न कुछ ठोस करेंगे। संकट का मुकाबला जी जान से करेंगे’। जागरूक नौजवान, उन लोगों का कच्चा चिठ्ठा खोलने वाले थे, जिनकी वजह से क्षेत्रीय पर्यावरण बिगड़ा और जल स्त्रोत सूखे, लेकिन नेताजी के समझदार प्रतिनिधियों ने हाथ मारकर चुप करा दिया। 

इसे भी पढ़ें: भविष्य बताने वाले राजनीतिक माहिर (व्यंग्य)

नेताजी बोले, ‘हमने विदेश यात्राओं से प्रेरणा ग्रहण की है। चिंता न करें हम भी नकली बारिश व बर्फ का इंतजाम उनसे बढ़िया करेंगे। पहले पानी व बर्फ बनाने की मशीन मंगा लेंगे बाद में अपनी बना भी लेंगे'। क्या अपनी गलतियों सीखना चाहिए, एक जनूनी पत्रकार बोला, ‘हम सब समझते हैं, ऊपरवाला मिट्टी या कैमिकल भरा काला पानी बरसाता है, हम सुगंधित बारिश देंगे। भगवान सिर्फ सफेद बर्फ देता है हम पीली, हरी, गुलाबी देंगे। जनता के मज़े के लिए मनचाहे परफ्यूम वाली बर्फ गिरवा देंगे। बर्फ से पानी बनेगा और समुद्र भी तो भरे पड़े हैं, हमारे आधे इशारे पर एमएनसीज़ हर साइज़ में पानी पैक करेगी। नहाने के लिए बड़े पैक सरकारी डिपो में सबसिडाइज्ड़ रेट पर मिलेंगे। इस बहाने नए व्यवसायों में नौकरियां बरसेंगी। पर्यावरण प्रेमी पानी के लिए हायतौबा मचाते हैं हांलाकि यह सब मीटिंग्स में बोतलबंद पानी ही पीते हैं’। एक बुज़ुर्ग ने कहा, कुदरती तरीके से पानी ज़्यादा मिले  इसके लिए संजीदा कोशिश क्यूं नहीं होती। जवाब खड़ी फसल पर तेज़ बारिश की तरह बिछा दिया, ‘पिछली बार हमें विपक्ष बनाया अब पक्ष बना दो, तब हम करेंगे। सरकार सब उगा देगी, पानी क्या चीज़ है’। बैठक सफल हो सम्पन्न हो चुकी थी।

 

- संतोष उत्सुक

प्रमुख खबरें

Maharashtra Elections: शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर, मुंबई समेत कई शहरों में चार दिनों तक Dry Day का ऐलान

जब आधी दुनिया सो रही थी, तब भारत ने रात में दागा सबसे खतरनाक हथियार, कई देशों में भगदड़

सीएम पिनरई विजयन पर बरसी कांग्रेस और IUML, लगाया भाजपा-आरएसएस का साथ देने का आरोप

Maha Kumbh 2025 । गंगा और यमुना की स्वच्छता और निर्मलता बनाए रखने को दिन रात कर रहे प्रयास