बंगाल में चुनाव प्रचार जबरदस्त, ममता-बीजेपी पर आयोग भी सख्त, इससे पहले योगी और मायावती पर भी लगाई गई थी रोक

By अभिनय आकाश | Apr 13, 2021

चुनावों में राजनेताओं द्वारा बदजुबानी की कई कहानी समय-समय पर आती रहती है। जब आचार संहिता का न केवल उल्लंघन किया गया बल्कि कई बार तो आचार संहिता और कानून को ही भाड़ में भेजने जैसे बोल बोलने से गुरेज नहीं किया गया। बंगाल में चुनाव है और इसको लेकर राजनीतिक घमासान भी अपने उफान पर है। लेकिन इसके साथ ही राजनेताओं के बिगड़े बोल भी बदस्तूर जारी है जिसको लेकर चुनाव आयोग सख्ती कर रहा है। बंगाल चुनाव के बीच चुनाव आयोग की ओर से ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी गई है। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को भी चुनाव आयोग की तरफ से नोटिस थमाया गया है। आलम तो ये दिखा कि बीजेपी नेता राहुल सिन्हा के प्रचार पर 48 घंटे का बैन लगा दिया है। 

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चुनाव आयोगी की ओर से नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक की ये कोई पहली घटना नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनाव आयोग ने एक-एक कर पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री तक पर सख्त तेवर दिखाते हुए बदजुबानी करने वाले नेताओं को याद दिलाया की इनके बोल न केवल जहरीले हैं बल्कि लोकतंत्र, संविधान और देश के लिए खतरनाक भी और फिर जुबान को पकड़ कर उस पर मेड इन आयोग वाला ताला जड़ दिया था। चुनाव आयोग की तरफ से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर मायावती और सपा नेता आजम खान के चुनावी सभा पर रोक लगाई थी। किसी पर 48 घंटे तो किसी पर 72 घंटे की रोक लगाई गई थी। 

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मायावती से लेकर योगी आदित्यनाथ पर भी लग चुकी है रोक 

लोकसभा चुनाव 2019 के तहत चुनाव प्रचार के दौरान विवादित टिप्पणी के मामले में चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बसपा प्रमुख मायावती पर 48 घंटे का चुनाव प्रचार को लेकर बैन लगा दिया था। सहारनपुर के देवबंद में आयोजित चुनावी रैली में मायावती ने खासकर मिस्लिम समुदाय से एसपी-बीएसी और आलएलडी गठबंधन के पक्ष में वोटिंग करने के लिए कहा था। वहीं योगी आदित्यनाथ द्वारा अली और बजरंग बली वाले बयान पर भी आयोग ने उनके 72 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगा दी।समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान पर भाजपा नेता जया प्रदा को लेकर की गई टिप्पणी के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें 72 घंटे तक प्रचार करने से रोक दिया। 

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आयोग के एक्शन पर ममता का रिएक्शन 

चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के केंद्रीय बलों के खिलाफ बयानों और कथित धार्मिक प्रवृत्ति वाले एक बयान के कारण 24 घंटे तक उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी। जिसके बाद आयोग के फैसले के विरोध में ममता बनर्जी आज दोपहर 12 बजे से कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठी हैं। इस दौरान तृणमूल के किसी नेता या समर्थक को ममता बनर्जी के पास नहीं देखा गया।  

बीजेपी नेता राहुल सिन्हा के विवादित बोल

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में सीआईएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की मौत के बाद बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि सीआईएसएफ को चार नहीं, आठ लोगों को गोली मारनी चाहिए थी। राहुल सिन्हा के बयान को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से राहुल सिन्हा के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे का बैन लगाया गया। 

दिलीप घोष को नोटिस

चुनाव आयोग की तरफ से पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष के बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि 'कई स्थानों पर सीतलकूची जैसी घटना की पुनरावृत्ति होगी' को लेकर नोटिस जारी किया। 



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