Parliament Building Inauguration: मिर्जापुर की कालीन, नागपुर से सागौन...एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को आत्मसात कर ऐसे चुन-चुनकर सजाई गई नई संसद

By अभिनय आकाश | May 27, 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी भवन में ऐतिहासिक और पवित्र 'सेंगोल' भी स्थापित करेंगे, जो अंग्रेजों से भारत में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। नये संसद भवन में सभी सांसदों के लिये अलग-अलग कार्यालय होंगे और उन्हें नवीनतम डिजिटल उपकरणों से लैस किया जाएगा। यह कदम कागज रहित कार्यालय सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। नए संसद भवन की डिजाइनिंग गुजरात की आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइंस ने की है। महाराष्ट्र के नागपुर से सागौन की लकड़ी, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से कालीन, त्रिपुरा से बांस के फर्श और राजस्थान से पत्थर की नक्काशी के साथ, नया संसद भवन भारत के जीवंत रंगों और विविधता को दर्शाता है। नए संसद भवन के निर्माण का कार्य एक विशाल प्रयास था जिसमें साइट के बाहर भी कई प्रमुख निर्माण गतिविधियां की गईं। नए संसद भवन के निर्माण में देश भर से प्राप्त विभिन्न सामग्रियों का उपयोग देखा गया, इस प्रकार 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को आत्मसात किया गया।

इसे भी पढ़ें: New Parliament Inaugration: सुबह 7.30 बजे पूजा के साथ होगी संसद भवन के भव्य उद्घाटन समारोह की शुरुआत, जानें पूरा शेड्यूल

कहां से क्या मंगाकर संवारा गया

लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से खरीदा गया था। राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूँ के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से प्राप्त होने के लिए जाना जाता था।

इमारत में इस्तेमाल होने वाली सागौन की लकड़ी को महाराष्ट्र के नागपुर से मंगवाया गया है।

केशरिया हरा पत्थर उदयपुर से, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा से और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है।

फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था।

लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में फाल्स सीलिंग के लिए स्टील की संरचना दमन और दीव के केंद्र शासित प्रदेश से प्राप्त की गई है, जबकि नए भवन में फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था।

इमारत पर लगी पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाया गया था।

अशोक प्रतीक के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगाई गई थी। लोकसभा और राज्यसभा कक्षों की विशाल दीवारों और संसद भवन के बाहरी हिस्से में लगे अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से खरीदा गया था।

पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था, और पत्थर के समुच्चय राजस्थान के कोटपूतली से प्राप्त किए गए।

नए संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए कंक्रीट मिश्रण बनाने के लिए हरियाणा में चरखी दादरी से निर्मित रेत या एम-रेत का उपयोग किया गया था।

निर्माण में उपयोग की जाने वाली फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं, जबकि पीतल के काम और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से थे।

प्रमुख खबरें

PAK vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिजवान ने की अजीब हरकत, हर कोई हंसने पर मजबूर- Video

BJP की विचारधारा के कारण जला मणिपुर, Jharkhand में राहुल गांधी का वार, बोले- ये दलित और अल्पसंख्यकों विरोधी

Salman Khan को एक और जान से मारने की धमकी, एक्टर के गाना लिखने वाले को भी मिली धमकी

Maharashtra में बोले Amit Shah, वक्फ बोर्ड के कुछ प्रावधानों से पूरा देश परेशान, अगर महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई...