By विजयेन्दर शर्मा | Jan 05, 2022
शिमला। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज यहां बताया कि शिमला-रामपुर सड़क मार्ग बर्फबारी के कारण नारकंडा में यातायात के लिए अवरूद्ध है तथा प्रशासन द्वारा सड़क को खोलने के प्रयास जारी है तथा शिमला-रोहडू मार्ग यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जिला में ठियोग-चैपाल मार्ग खिड़की में बर्फबारी के कारण बंद है तथा उसे खोलने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उपायुक्त ने जिला के लोगों को एहतियात बरतने का आग्रह किया तथा कहा कि जिला प्रशासन के पास पर्याप्त मशीनरी तथा जेसीबी उपलब्ध है और प्रशासन किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए तैयार है।
हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में सीजन के पहले हिमपात से 5 नैशनल हाईवे समेत 188 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही थम गई है। सड़कें बंद होने से 120 से अधिक रूटों पर परिवहन सेवाएं बाधित हुई हैं। एनएच 305 सैंज-लुहरी-औट, एनएच 505 ग्रांफू-समदो, एनएच 03 मनाली-लेह, एनएच 707 ठियोग-रोहड़ू-खड़ापत्थर में तथा एनएच-05 शिमला-रामपुर नारकंडा में अवरुद्ध हो गया है। ऊपरी शिमला के चौपाल को जोड़ने वाला स्टेट हाईवे भी खिड़की के पास बड़े वाहनों के लिए बंद हो गया है।
बर्फबारी के बाद न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट से पेयजल योजनाओं में पानी जम रहा है। इसलिए लोगों को पेयजल के लिए भी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक लाहौल-स्पीति जिले में सबसे अधिक 137 सड़कें, किन्नौर में 16, चम्बा में 6, कुल्लू में 5, मंडी में 18 और शिमला में 6 सड़कें बंद हो गई हैं। इसी तरह चम्बा, मंडी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में 150 से अधिक विद्युत ट्रांसफार्मर ठप्प होने से दर्जनों गांव अंधेरे में डूब गए हैं। फील्ड स्टाफ की भारी किल्लत झेल रहे बिजली बोर्ड को विद्युत आपूर्ति बहाल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।