तुलसी की पत्तियां
घर में बड़े−बूढे़ हमेशा ही तुलसी की पत्तियां चबाने की सलाह देते हैं। वैसे तो इससे कई लाभ होते हैं, लेकिन एसिडिटी को दूर करने में बेहद प्रभावी है। एक तुलसी के पत्तों को खाएं या 3−4 तुलसी के पत्तों को एक कप पानी में उबालें और इसे कुछ मिनट के लिए उबलने दें। इस पर बार−बार घूंट लेते हैं। यह एसिडिटी के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचारों में से एक है।
सौंफ
आप पेट की अम्लता को रोकने के लिए, भोजन के बाद सौंफ चबा सकते हैं। इसके अलावा सौंफ की चाय का सेवन भी किया जा सकता है। इन बीजों में पाए जाने वाले तेलों के कारण अपच और सूजन को कम करने में चाय बहुत उपयोगी मानी जाती है।
दालचीनी
दालचीनी पेट की अम्लता को दूर करने के लिए एक प्राकृतिक एंटासिड के रूप में काम करता है। यह पाचन और अवशोषण में सुधार करके आपके पेट को व्यवस्थित कर सकता है। आप जठरांत्र संबंधी मार्ग में संक्रमण को ठीक करने के लिए दालचीनी की चाय पीएं। दालचीनी पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है और स्वास्थ्य लाभकारी गुणों से भरपूर है।
खीरा
यह एक ऐसा घरेलू उपचार है, जिसे सालों से मेरे खुद के घर में इस्तेमाल किया जाता है। जब भी आपको एसिडिटी या हार्टबर्न की समस्या हो तो ऐसे में आप बस खीरे को छिलकर काट लें। इसके सेवन से आपको तुरंत आराम होगा।
छाछ
छाछ में लैक्टिक एसिड होता है जो पेट में एसिडिटी को सामान्य करता है। इसलिए अगर आपको एसिडिटी की समस्या हो रही हैं तो ऐसे में आप छाछ का सेवन करें। अगर आप चाहें तो इसमें एक चुटकी काली मिर्च भी मिला सकती है।
- मिताली जैन