By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 25, 2021
नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश में कुछ मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों के इस्लाम में कथित तौर पर धर्मांतरण के संबंध में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कथित वित्त पोषण के संबंध में धन शोधन का एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। अधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस प्राथमिकी के बराबर माने जाने वाली प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज की गई है। यह मामला तब सामने आया था जब उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली के जामिया नगर निवासी दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में की थी। एटीएस ने दावा किया कि वे इस्लामिक दावा सेंटर नाम से एक संगठन चलाते हैं, जिसके पास कथित तौर पर अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और अन्य विदेशी एजेंसियों से कथित तौर पर धन मिलता था। ईडी ने इस प्राथमिकी का अध्ययन किया और धन शोधन का मामला दर्ज किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसकी जांच इस आरोप पर केंद्रित होगी कि विदेशों और घरेलू स्रोतों से अवैध धन प्राप्त किया गया था और आरोपी और उनके सहयोगियों द्वारा धन शोधन किया गया था।
एजेंसी के पास जांच के दौरान आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने और बाद में मुकदमा चलाने और कानून के तहत निर्धारित तीन से सात साल के बीच सजा दिलाने के लिए पीएमएलए अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर करने का अधिकार है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद मीडिया को बताया था कि गौतम, जो खुद हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हैं, ने पुलिस पूछताछ में शादी, पैसे और नौकरी का लालच देकर कम से कम 1,000 लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने का दावा किया। इन दोनों लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और उत्तर प्रदेश के कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। ये दोनों इस समय पुलिस हिरासत में हैं।