By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 08, 2022
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय से कहा कि चीन की स्मार्टफोन विनिर्माता कंपनी वीवो के अनुरोध पर वह विचार करे जिसमें कंपनी ने कुछ देनदारी के निपटान के लिए बैंक खातों से लेनदेन करने की इजाजत मांगी है। दिल्ली उच्च न्यायालय वीवो के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की धनशोधन जांच के सिलसिले में बैंक खातों पर रोक लगाने के खिलाफ कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने ईडी से कहा कि वीवो की इस याचिका पर उसका क्या रूख है, वह बताए।
इसके साथ अदालत ने कहा कि अब इस मामले पर 13 जुलाई को विचार किया जाएगा। वीवो के अधिवक्ताओं ने अदालत में कहा था कि बैंक खातों पर रोक लगने से याचिकाकर्ता का कामकाज रूक गया है जिसकी वजह से वह कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रही और करोड़ों रुपये के वैधानिक बकाया का भुगतान भी नहीं कर पा रही। ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने अदालत को सूचित किया कि तलाशी अभियान आज खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह याचिका समय से पहले दाखिल की गई है और याचिकाकर्ता को वैधानिक प्रक्रियाओं के पूरा हो जाने का इंतजार करना चाहिए था।
इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष यह याचिका आई थी जिन्होंने इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने पांच जुलाई को वीवो और संबंधित कंपनियों के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में कई स्थानों पर तलाशी ली थी। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में वीवो और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े 44 स्थानों पर छापेमारी की गई थी। वीवो ने अपनी याचिका में बैंक खातों पर रोक लगाने के ईडी के आदेश को रद्द करने का अनुरोध भी किया था।