मनरेगा घोटाले पर ED की बड़ी कार्रवाई, जानें कौन हैं IAS पूजा सिंघल जिनके झारखंड, बिहार सहित 20 ठिकानों पर हुई छापेमारी

By अभिनय आकाश | May 06, 2022

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से मनरेगा घोटाले मामले में देशभर के 20 ठिकानों पर छापेमारी हुई है। इसमें झारखंड के रांची और खूंटी के साथ ही बिहार के मुजफ्फरपुर में भी छापेमारी हुई है। झारखंड में माइनिंग सिक्रेटरी पद पर कार्यरत पूजा सिंघल इस जांच के केंद्र में हैं। रांची में उनसे जुड़े एक शख्स के आवास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद और सबूत जब्त किए गए हैं। रांची स्थित एक चार्टेड अकाउंटेंट के आवास से कैश भी बरामद किए गए हैं। ये भी बाताया जा रहा है कि चार्टेड अकाउंटेंट का बेहद करीबी संबंध आईएएस पूजा सिंघल के साथ है। टीम ने शुक्रवार की सुबह ही आईएएस अधिकारी और झारखंड की खान और उद्योग सचिव पूजा सिंघल के सरकारी आवास और उनके पति के आवास पर एक साथ धावा बोल दिया। इसके साथ ही ईडी की टीम पूजा सिंघल और उनके पति के कई ठिकानों पर भी छापमार की है। इस कार्रवाई 25 करोड़ के कैश मिलने की सूचना भी मिली है।

कौन हैं पूजा सिंघल 

पूजा सिंघल झारखंड की आईएएस अधिकारी हैं। उनके पास उद्योग सचिव और खान सचिव का प्रभार है। इसके साथ ही पूजा सिंघल झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी ) की चेयरमैन भी हैं। पूजा सिंघल इससे पहले भी बीजेपी की सरकार में कृषि सचिव के पद पर तैनात थीं। पूजा मनरेगा घोटाले के वक्त खूंटी में डीसी पद पर तैनात थीं। 

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हेमंत सोरेन से नजदीकी के आरोप

पूजा सिंघल पर लगातार अवैध तरीके से धन अर्जित करने के आरोप लग रहे थे। बताया जा रहा है कि ईडी की ओर से आय से अधिक संपत्ति, अवैध खनन और शेल कंपनी से जुड़े मामले में यह छापेमारी की जा रही है। हालांकि, इस कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहे कहीं निशाने पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन तो नहीं है। छापेमारी को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया है। निशिकांत दुबे ने लिखा है कि झारखंड सरकार यानि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के नाक की बाल पूजा सिंघल जी,जिन्होंने मुख्यमंत्री,भाई,गुर्गों व दलालों को कौड़ी के भाव खान आवंटित किया ,आख़िर उनके यहाँ ED का छापा 20 जगह पर चल रहा है, यह छापा राँची,दिल्ली,राजस्थान,मुम्बई में जारी है। 

क्या है पूरा मामला

छापेमारी जिस धन शोधन के मामले में की जा रही है, वह झारखंड के कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज मामले से जुड़ा है। पीएमएलए के तहत मामला दर्ज होने के बाद सिन्हा को 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था। केंद्रीय एजेंसी ने झारखंड सतर्कता ब्यूरो द्वारा सिन्हा के खिलाफ दर्ज की गई 16 प्राथमिकी और आरोपपत्रों का संज्ञान लिया था। इनमें सिन्हा पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने, जालसाजी और धन की हेराफेरी के जरिये 18.6 करोड़ रुपये के सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगाया गया था। सिन्हा से पूछताछ करने के बाद अगस्त 2020 में एजेंसी ने उनके खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने 4.28 करोड़ रुपये की उनकी सम्पति भी जब्त की है। 

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