दीपावली खुशियों का त्योहार है, मगर आपके खुशियां मनाने के तरीके से यदि पर्यावरण को नुकसान पहुंचे तो यही नहीं है। इसलिए दीपावली पर सेलिब्रेशन कुछ इस तरह करें कि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। इसके लिए बस आपको दीवाली की तैयारियां कुछ अलग ढंग से करनी होगी। सजावट से लेकर दोस्तों का गिफ्ट सिलेक्ट करते समय भी आपको पर्यावरण का ध्यान रखना होगा।
डेकोरेशन
हर साल आप दीवाली पर घर को सजाने के लिए ढेरों चीज़ें ले आते हैं और अगली दीवाली पर उसे फेंक देते हैं। इससे पैसों की तो बर्बादी होती ही है, साथ ही कचरे का अंबार भी लग जाता है। ऐसे में ज़रूरी नहीं कि घर को हमेशा नई चीज़ों से ही सजाया जाए। आप घर की बेकार पड़ी चीज़ों के साथ क्रिएटिविटी करके उससे भी घर को सजा सकते हैं। जैसे पुराने मग, डिब्बे को कलर करके गमले की तरह इस्तेमाल करें या पेपर व प्लास्टिक कप को पेंट करके लाइट की लड़ियों के बीच लगा दें। इंटरनेट पर आपको इस तरह के ढेरों आइडियाज़ मिल जाएंगे, तो इस बार घर को इको फ्रेंडली तरीके से सजाएं।
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ऑर्गेनिक रंगोली
दीवाली के मौके पर घर के दरवाजे पर रंगोली बनाई जाती है। इसके लिए आप केमिकल कलर की बजाय ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें। साथ ही आप दाल/चावल से भी रंगोली बना सकते हैं। नेचुरल रंगों से चावल को अलग-अलग रंग में रंगकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
मिट्टी के दीये
बाज़ार में दीयों की ढेरों वैरायटी मिलती है, यहां तक की ऑनलाइन भी बेहद खूबसूरत दीये मिलते हैं, मगर आप दीपावली पर मिट्टी के पारंपरिक दीये ही जलाएं। यह अपनी परंपरा सहेजे रखने का तो जरिया है ही इससे लोकल कारीगरों को रोजगार मिलता है और पर्यावरण की भी रक्षा होती है।
खास उपहार
मिठाई और चॉकलेट का डिब्बा गिफ्ट में देकर आप सामने वाली की सेहत ही खराब करते हैं। इसलिए इस बार उन्हें कुछ बेहतर उपहार दें। हवा को शुद्ध करने वाले पौधे, फेंग्शुई पौधा या अन्य किचन के पौधे गिफ्ट करें। इससे पर्यावरण के प्रति लगाव बढ़ेगा।
प्लास्टिक से तौबा
गिफ्ट या अन्य चीज़ें पैक करने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें। प्लास्टिक को किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से बचें।
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पटाखों से दूरी
पटाखे जलाकर पैसों की तो बर्बादी होती ही है। इससे हवा और वायु प्रदूषण भी बढ़ता है। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पटाखों से दूरी ज़रूरी है।
पुराने चीज़ें दान करें
पुराने कपड़े और अन्य इस्तेमाल लायक चीज़ों को कचरे में फेंकने की बजाय किसी गरीब व्यक्ति को या एनजीओ को दान कर दें।
- कंचन सिंह