By अंकित सिंह | Mar 11, 2024
प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने हमेशा की तरह राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। इस दौरान हमने प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे से वाराणसी को लेकर सवाल पूछा क्योंकि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और खुद नीरज कुमार दुबे वाराणसी में मौजूद थे। नीरज दुबे ने कहा कि वाराणसी में विकास कार्य जबरदस्त तरीके से हुए हैं। वाराणसी में मोदी लहर देखने को मिलता है। वाराणसी के लोग इस बार मन बना चुके हैं कि नरेंद्र मोदी को 10 लाख से ज्यादा वोट देने हैं। इसको लेकर तैयारियां भी शुरू की जा चुकी है। वाराणसी पूरी तरीके से बदल गया है।
नीरज दुबे ने आगे बताया कि जिस तरीके से भाजपा जमीनी स्तर पर अपना काम कर रही है, वह लोगों तक पहुंच रहा है। इसी दौरान हमने 'मोदी का परिवार' कैंपेन पर भी नीरज दुबे से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि भाजपा इसे आम लोगों तक पहुंचने में कामयाब रही है। आप लोग भी कह रहे हैं कि पूरा देश मोदी का परिवार है जबकि विपक्ष परिवारवादी पार्टी है। जमीन पर मोदी और लोकसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। हालांकि, जमीन पर महंगाई और बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है। लेकिन कहीं ना कहीं विकास कार्य को भी प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि काशी के लोगों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि मोदी के खिलाफ चुनाव कौन लड़ रहा है क्योंकि उन्हें सिर्फ और सिर्फ वोट मोदी को देना है। काशी में साफ सफाई का भी काम जबरदस्त तरीके से चल रहा है। गंगा जी में भी कामकाज चल रहा है।
वहीं, हमने कांग्रेस की पहली लिस्ट को लेकर भी नीरज दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने पहले दक्षिण को प्राथमिकता दी है। उत्तर को लेकर अभी उसने कुछ खास चर्चा नहीं की है। राहुल गांधी वायनाड से लड़ेंगे। यह अपने आप में इंडिया गठबंधन में बड़ा दरार है। क्योंकि लेफ्ट ने वहां से अपने बड़े उम्मीदवार को उतारा है। ऐसे में अगर राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं तो कहीं ना कहीं इंडिया गठबंधन के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। लेकिन राहुल गांधी को वायनाड से लड़ना मजबूरी है क्योंकि उन्हें वहां से जीत अपनी सुनिश्चित लग रही है। दूसरी ओर भूपेश बघेल को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि राजनांदगांव से उन्हें टिकट दिया गया है। राजनांदगांव भाजपा का गढ़ रहा है। खुद रमन सिंह वहां से आते हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं भूपेश बघेल के साथ कोई खेल तो नहीं हो रहा है, इसको सोने की जरूरत है। क्योंकि मुख्यमंत्री रहने के दौरान भुबेश बघेल ने कई लोगों को किनारे किया था।