जरूरत से ज्यादा तेल खाने पर हार्ट को ब्लॉक करता है इसका फैट, इन बीमारियों की शरीर में हो सकती है एंट्री

By अनन्या मिश्रा | Mar 02, 2023

भारतीय लोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए हजारों साल से तेल का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। तेल में फैट पाया जाता है, जो हमारे शरीर को पोषण देने का काम करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारा शरीर एक सीमा तक ही फैट को पचा सकता है। जरूरत से ज्यादा फैट लेने पर यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जमा होने लगता है। वहीं शरीर में फैट जमने पर मोटापा और फेफड़े की नली में फैट के जमने से हार्ट ब्लॉकेज की भी समस्या देखने को मिलती है। वहीं खाने में ज्यादा तेल का सेवन किए जाने से बीपी, शुगर, कॉलेस्ट्रॉल में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि आपके लिए कैसे और कितने तेल का सेवन करना चाहिए। 


इतने तेल का कर सकते हैं सेवन

अलग-अलग संस्कृतियों में तेल खाने को लेकर अलग-अलग आदतें देखने को मिलती हैं। वहीं ब्रिटिश गाइडलाइन के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति को 30 ग्राम से ज्यादा तेल का सेवन दिन में नहीं करना चाहिए। हालांकि भारत की मौसमी और भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में बता करें तो साल में 7 से 10 किलो तेल का सेवन पर्याप्त है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में सालाना तेल की औसत खपत लगभग 17 किलो के आसपास है। 

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ऐड और फिल्म का असर

यूरोप में ठंडे देशों में ऑलिव ऑयल यानी जैतून के तेल का सेवन किया जाता रहा है। वहीं रियलिटी शो, फिल्मों में एड को देखकर आजकर भारत में भी अपर और मिडिस क्लास के लोग भी ऑलिव ऑयल खाने लगे हैं। लेकिन जानकारों की मानें तो भारतीय परिस्थितियों में ऑलिव ऑयल का सेवन किया जाना सही नहीं है। क्योंकि टेम्प्रेचर के थोड़ा बढ़ने पर भी ऑलिव ऑयल खराब हो जाता है।


नारियल तेल

काफी लंबे समय तक लोगों ने नारियल का तेल का सेवन किया जाना सबसे मुफीद माना है। इसे शुद्ध नेचुरल ऑयल माना जाता था। लेकिन कुछ रिसर्चों ने इस दावे को झुठला दिया। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में नारियल के तेल को शुद्ध जहर बताया गया है। बताया गया कि नारियल तेल में मौजूद सैचुरेटेड फैटी एसिड्स स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। 


पाम ऑयल

पाम ऑयल खाने के बारे में लोगों की राय है कि यह सबसे अनुपयुक्त है। इस तेल में ट्राइग्लिसरीसाइड्स पाया जाता है। जो दिल के लिए काफी खतरनाक माना जाता है। लेकिन इसके बाद भी हमारा देश पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है। इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों से हर साल हजारों करोड़ के पाम ऑयल को मंगाया जाता है। बता दें कि इस तेल को खाने के अलावा इसका शैंपू, साबुन, पेंट, चॉकलेट, साबुन और अन्य चीजों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। 


सरसों का तेल 

भारतीय रसाई में आपको सरसों का तेल मिलेगा। हालांकि लंबे समय तक लोगों ने भरोसेमंद तेल के रूप में इसका इस्तेमाल किया है और वर्तमान में भी किया जा रहा है। इसकी तीखी खुशबू और झांस के लिए इसे भारतीय खाने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त माना गया है। सरसों के तेल की बर्निंग पॉइंट ज्यादा होने के कारण इसे भारत जैसे गर्म आबोहवा वाले देशों के लिए फिट माना गया है। लेकिन सरसों का तेल भी लॉन्ग टर्म में खतरनाक हो सकता है।


बदल-बदल कर करें तेल का सेवन

डाइटीशियन कोमल सिंह के अनुसार अलग-अलग तरह के तेलों में 3 प्रकार के फैट पाए जाते हैं। जिनमें से पॉलीअनसैचुरेटेड फैट (PUFA), मोनोअनसैचुरेटेड फैट (MUFA) और सैचुरेटेड फैट है। इनमें से किसी भी एक फैट के ज्यादा हो जाने पर हेल्थ से रिलेटेड कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए बदल-बदल कर तेल का सेवन किया जाना चाहिए। इससे हमारी बॉडी को सभी तरह के फैट भी मिलते रहेंगे और आप स्वस्थ भी रहेंगे। 

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