वो जमाने लद गए, जब महिलाएं सिर्फ सोने के आभूषणों को तवज्जो देती थीं। आज चाहे किसी पार्टी में जाना हो या फिर ऑफिस, हर जगह को ध्यान में रखकर ज्वैलरी का चयन किया जाता है और हर जगह के अनुरूप ज्वैलरी को डिजाइन करने का काम करते हैं ज्वैलरी डिजाइनर। इतना ही नहीं, आज ज्वैलरी का क्रेज सिर्फ महिलाओं के बीच ही नहीं रह गया है, बल्कि पुरूष भी कई तरह के आभूषण पहनते हैं। वर्तमान समय में, महिलाएं सोने के आभूषणों से हटकर भी डिफरेंट डिजाइन के स्टेटमेंट पीसेज को काफी हद तक पसंद करती हैं। जिसके चलते अच्छे ज्वैलरी डिजाइनर्स की मार्केट में काफी डिमांड है। अगर आप भी चाहें तो इस क्षेत्र में अपना उजला कॅरियर बना सकते हैं। आइए जानें कैसे−
स्किल्स
इस क्षेत्र में कोर्स के जरिए भले ही आप अपने गुणों में निखार ले आएं लेकिन फिर भी आपमें कुछ बेसिक अवश्य होने चाहिए। सबसे पहले तो आपको अपने काम के प्रति लगाव और कुछ हटकर व नया करने की सोच होनी चाहिए। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के पत्थरों व धातुओं की जानकारी व डिजाइनिंग सेंस से ही आप अपने क्षेत्र में आगे बढ़ पाएंगे। जो लोग क्रिएटिव होने के साथ−साथ नए ट्रेंड की जानकारी रखते हैं, वे ही अपना बेस्ट दे पाते हैं। इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपकी कल्पनाशीलता के साथ−साथ आपका मार्केट रिसर्च वर्क भी अच्छा होना चाहिए। इस काम में बेहद धैर्य की आवश्यकता होती है और कई बार आपको घंटों बैठकर भी काम करना पड़ता है, इसलिए जब तक आप अपने काम के प्रति ईमानदार और मेहनती नहीं होंगे, तब तक आप सफलता की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाएंगे। इन सबसे अलग आप ग्लोबल मार्केट में चल रहे ट्रेंड पर भी अपनी पैनी नजर रखें।
क्या होता है काम
एक ज्वेलरी डिजाइनर का मुख्य काम ज्वेलरी के स्टाइल व पैटर्न आदि को सेट करना होता है। इसके लिए वे कंप्यूटर की भी मदद लेते हैं। वह अपने क्लाइंट की डिमांड को ध्यान में रखकर व गोल्ड, सिल्वर, पर्ल, प्लेटिनम, आदि धातुओं को तराशकर उनसे कुछ अलग तरह के गहने बनाता है।
योग्यता
इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए आपकी सिर्फ डिजाइनिंग में रूचि नहीं होनी चाहिए। बल्कि इसकी बारीकियों के बारे में भी आपको पता होना चाहिए। इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए आप बारहवीं या ग्रेजुएशन के बाद आप इस क्षेत्र में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। अगर इस क्षेत्र में आप डिग्री कोर्स करना चाहते हैं तो आपको कम से कम स्नातक तो अवश्य होना चाहिए। वैसे ज्वेलरी डिजाइन कोर्स के दौरान अलग−अलग पत्थरों, ज्वेलरी बनाने में कलर कॉम्बिनेशन, डिजाइन थीम, प्रेजेंटेशन, फ्रेमिंग, कॉस्ट्म ज्वेलरी आदि सिखाया जाता है। इसे जानने के बाद ही व्यक्ति इस क्षेत्र में कदम रख सकता है।
संभावनाएं
आज के समय में ऐसे ज्वैलरी डिजाइनर्स की काफी डिमांड है जो लीक से हटकर कुछ नया करने का जज्बा रखते हों। अगर आपका नाम भी उनमें शुमार है तो आपके पास संभावनाओं का चमकता आकाश मौजूद है। अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करना चाहते हैं तो आप मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से लेकर ज्वेलरी हाउसेज, एक्सपोर्ट हाउसेज, किसी बड़े ब्रांड के फैशन हाउस, रिसर्च एंड ऑर्गेनाइजेशन, ऑक्शन हाउसेस में नौकरी की तलाश कर सकते हैं। वहीं अगर आपको किसी के अंडर में काम करना पसंद नहीं है, तो आप बतौर फ्रीलांसर भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं या फिर अपना बिजनेस भी शुरु कर सकते हैं।
आमदनी
इस क्षेत्र में आपकी आमदनी आपके अनुभव और पॉपुलैरिटी के साथ ही बढ़ती जाती है। इस क्षेत्र में शुरूआती दौर में आप भले ही कम कमाएं लेकिन जैसे−जैसे आपके काम को तवज्जो मिलने लगती है। आपकी आमदनी भी लाखों तक पहुंच जाती है। शुरुआती सैलरी में आप 10 हजार रुपये महीने तक आसानी से कमा सकते हैं। वहीं अगर आप खुद का बिजनेस स्टार्ट करते हैं तो उसमें कमाई की कोई निश्चित सीमा नहीं है।
प्रमुख संस्थान
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद।
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ ज्वेलरी, मुंबई।
सेंट जेविर्यस कालेज, मुंबई।
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ जेम्स एंड ज्वेलरी, जयपुर।
जेमोलॉजी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई।
जेमस्टोन्स आर्टिसन्स ट्रेनिंग स्कूल, जयपुर।
इंडियन जेमोलॉजी इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली।
ज्वैलरी डिजाइन एण्ड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, नोएडा।
-वरूण क्वात्रा