By रितिका कमठान | Jun 17, 2024
दिल्ली में लगातार लू चल रही है, जिससे बचने के लिए लोग एसी का उपयोग भी जमकर कर रहे है। इस जानलेवा गर्मी के दौरान एसी का उपयोग काफी बढ़ गया है। ऐसे में एसी में आग लगने की घटनाओं में भी बहुत इजाफा हुआ है। हाल ही के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में एसी में आग लगने की घटनाएं सामने आई है।
शहरों में बिल्डिगों में आग लगने के कारण गर्मी तेज होने लगी है। तेज गर्मी होने से एसी के सिस्टम पर प्रतिकूल असर होने लगा है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के अधिकारी अनुमिता राय चौधरी ने नवभारत टाइम्स को बताया कि एसी को मूल रूप से 24 से 26 डिग्री तक चलाना चाहिए। इतने तापमान पर एसी को चलाने से बिल में भी 20 से 30 प्रतिशत की कमी आती है। अगर थ्री स्टार स्पिलट एसी छह घंटे के लिए चलाया जाए तो 30 दिन में 260 किलोवाट बिजली की खपत होती है।
एसी में आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए दिल्ली जैसे शहर में हाईराइज इमारतें बनाने में परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा जलाशय और हरियाली को बचाना भी जरुरी होता है। 1970-80 के दशक में 200 से अधिक जलाशय दिल्ली में हुआ करते थे। हालांकि अब इनकी संख्या सिर्फ 10 प्रतिशत रह गई है। वर्ष 1970-80 के दौरान 45 डिग्री तापमान काफी कम होता था मगर आज के समय में ये तापमान आम हो गया है। ऊंची ऊंची बिल्डिंगों के बनने का सीधा असर तापमान पर हुआ है।
एसी लगने से बढ़ते हैं आग लगने की हालात
आज के समय में हर घर और दुकान में एक या इससे अधिक एसी लगे होते है। इससे बिजली का लोड काफी अधिक बढ़ जाता है। गर्मी होने के साथ ही एसी के कंप्रेशर फटने की घटनाएं सामने आती है। यही कारण है कि इमारतों में आग लगने की घटनाएं काफी अधिक हो जाती है।
गौरतलब है कि स्पलिट एसी में कूलिंग यूनिट को घर के बाहर लगाया जाता है। ऐसे में ये आग लगने को लेकर काफी संवेदनशील होती है। कूलिंग यूनिट को आग से बचाना काफी जरुरी है। एक्सपर्ट का कहना है कि आग लगने की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी के कारण लोगों को इसके प्रति जागरुक करना भी जरुरी हो गया है। वहीं अधिक गर्मी होने के कारण एसी ओवरलोड हो रहे है। दिल्ली जैसे शहरों में भीड़ के कारण भी गर्मी बढ़ती जा रही है। शहरों का अधिक गर्म होने पर एसी में आग लगने की घटना बढ़ रही है।