By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 17, 2021
उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चैहान ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मण्डी परिषद द्वारा किसानों सेे सम्बन्धित संचालित योजनाओं में किसी भी प्रकार की उदासीनता पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यावाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मण्डी परिषद किसानों के हितों के लिए सदैव तत्पर है। चैहान आज विभूति खण्ड गोमतीनगर स्थित कृषि उत्पादन मण्डी परिषद मुख्यालय के सभागार में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसानों को अपनी उपज मण्डियों तक में लाने के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करें, जिसके कि व्यापारी को मण्डी में आकार अपना व्यापार करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को मण्डी में किसी भी प्रकार की समस्या न होने पाये तथा उनको मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराये। चैहान ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 27 मण्डियों के आधुनिकरण योजना के तहत किसान मण्डी के रूप में विकसित करने की कार्यवाही को प्राथमिकता पर कराये। उन्होंने कृषक छात्रावास के निर्माण कार्य को आगामी जूलाई तक पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे मण्डी को और बेहतर एवं उपयोगी बनाने का कार्य करें। मण्डी शुल्क को लक्ष्य के अनुरूप प्राप्त करें। चैहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गेहूँ की खरीद अग्रिम आदेशों तक करें। किसानों को गेहूँ क्रय केन्द्रों में अपने उत्पाद को विक्रय करने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी मण्डियों में कोविड-19 के प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराये। कृषि विपणन मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मण्डी परिषद द्वारा कराये जा रहे कार्यों को गुणवत्ता एवं तय समय सीमा के अन्तर्गत पूरा करें। उन्होंने कहा कि मण्डी परिषद द्वारा सड़कों के गड्ढामुक्त करने के कार्य को शीघ्र पुरा कराये।
मण्डी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने मा0 मंत्री जी को मण्डी परिषद द्वारा संचालित योजनाओं को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने मा0 मंत्री जी को आश्वत किया की उनके द्वारा दिए गए आदेशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा। समीक्षा बैठक में उपनिदेशक दिलीप त्रिगुणायक, उपनिदेशक श्री अजित सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रदेश में अब तक 55.60 लाख मीट्रिक टन हुई गेहूँ खरीद, 1273586 किसानों को किया गया लाभान्वित
रबी खरीद वर्ष 2020-21 के तहत प्रदेश में स्थापित 5678 गेहूँ क्रय केन्द्रों के माध्यम से, अब तक 5560316.66 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद की गयी है। इसके एवज में 1273586 किसानों को लाभान्वित करते हुए, उनके खातों में 9240.779 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। गेहूँ खरीद 22 जून, 2021 तक जारी रहेगी। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आज 26181.33 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद हुई है। गेहूँ खरीद केन्द्रों पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा-पूरा ध्यान रखते हुए खरीद की जा रही है।
सिद्धार्थ नाथ सिंह से ड्रीम-11 ने उत्तर प्रदेश में स्पोर्टस् इको सिस्टम विकसित करने पर की चर्चा
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से आज फैन्टेसी स्पोर्टस् प्लेटफार्म ड्रीम-11 की मैनेजमेंट टीम ने वर्चुअल संवाद कर उत्तर प्रदेश में स्पोर्टस् इको सिस्टम विकसित करने पर चर्चा की। साथ ही प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने सहित कई प्रस्ताव भी दिये। सिंह ने ड्रीम-11 के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार शहर से लेकर गांव तक खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए तमाम प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही है। राज्य में स्पोर्ट कल्चर को प्रोत्साहित करना सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में उत्तर प्रदेश में करोड़ों की संख्या में खेल पे्रमी आॅनलाइन स्पोर्ट्स प्लेटफार्म से जुड़े है। ड्रीम-11 द्वारा उत्तर प्रदेश में निवेश किये जाने से बड़ी संख्या में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा और गांव-गिरांव में बैठा व्यक्ति भी आसानी से इससे जुड़ सकेगा। साथ-साथ सरकार को भी इस प्लेटफार्म के माध्यम से आर्थिक लाभ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के खेल एवं न्याय विभाग के परामर्श के बाद ड्रीम-11 के प्रस्ताव पर उचित निर्णय लिया जायेगा। खादी भवन में आयोजित आॅनलाइन बैठक में ड्रीम-11 की ओर किरन विवेक नन्दा ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से फैन्टेसी स्पोर्टस् प्लेटफार्म के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ड्रीम-11 के ब्रांड एम्बेसडर क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्पोर्ट इको सिस्टम के तहत खेल संस्कृति का विकास, खेल सहभागिता को प्रोत्साहन, राजकोष में योगदान तथा कबड्डी, हाॅकी, वालीबाल तथा हैण्डबाल जैसे स्थानीय खेलों का विकास किया जायेगा। इसके अलावा जमीनी स्तर पर खेल अवस्थापना के विकास में भी ड्रीम-11 की सहभागिता होगी। दूर-दराज में खेल प्रतिभाओं को खोजने में मदद मिलेगी। साथ ही ओलम्पिक के लिए खिलाड़ियो की प्रतिभा को निखारने का भी कार्य किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में खेल प्रौद्योगिकी स्टार्टअप का विकास के साथ-साथ खिलाड़ियों खेल तकनीकी की जानकारी भी उपलब्ध कराई जायेगी।
कोरोना महामारी के दौरान एमएसएमई विभाग में मृतक 25 कार्मिकों के आश्रितों को किया गया सेवायोजित
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एमएसएमई विभाग में मृतक 25 कार्मिकों के आश्रितों को नियमानुसार नियुक्ति प्रदान की गई है। इसमें से 11 कार्मिको की दुखद मुत्यु कोविड-19 संक्रमण एवं 14 कामिकों का देहावसान अन्य बीमारियों के कारण हुआ था। डा0 सहगल कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन भवन में एमएसएमई विभाग में मृतक कार्मिकों के आश्रितों को सेवायोजित किये जाने एवं उनके देयों के भुगतान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों में अपनी जान गंवाने वाले कार्मियों के आश्रितों को नियमानुसार शीघ्रातिशीघ्र नियुक्ति प्रदान की जाय और साथ ही मृतक कार्मिकों के समस्त देयकों का भुगतान समय से उनके आश्रितों को प्रदान किया जाय। डा0 सहगल ने कहा कि कोरोना महामारी का देश-दुनिया में व्यापक प्रभाव पड़ा है। बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण से लोग हताहत हुए। उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा है। यहां भी कोरोना संक्रमण से लोगों को अपनी जाने गंवानी पड़ी है, लेकिन मुख्यमंत्री जी के कुशल प्रबंधन एवं मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मृत्युदर अन्य प्रदेशों की अपेक्षा काफी रही है और वर्तमान में काफी हद तक कोरोना पर नियंत्रण भी पाया जा चुका है। डा0 सहगल ने कहा कि कोरोना काल में लाक-डाउन के दौरान भी एमएसएमई विभाग के कर्मियों ने प्रदेश में उद्योग-धन्धों के निर्बाध संचालन में अहम योगदान दिया। इसलिए हम सभी का प्रमुख दायित्व है कि इस दौरान मृतक हुए कार्मियों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना रखी जाय और आश्रितों के समस्त देयकों का भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूर्ण की जाय।
उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक की बिक्री करने के निर्देश जारी
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि यूरिया हेतु माह जून 2021 तक निर्धारित लक्ष्य 1650000 मी0टन के सापेक्ष 2076628 मी0टन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। इसी प्रकार डी0ए0पी0 के लिए निर्धारित लक्ष्य 725000 मी0टन के सापेक्ष 501898 मी0टन की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्ध कराई जा रही है। शाही ने बताया कि प्रदेश में खरीफ 2021 हेतु यूरिया के लिए 3900000 मी0टन तथा डी0ए0पी0 के लिए 1200000 मी0टन0 उपलब्धता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यूरिया (नीम कोटेड) के 45 कि0ग्रा0 के बैग की दर 266.50 रुपये एवं डी0ए0पी0 (18ः46) के 50 कि0ग्रा0 के बैग की दर 1200.00 रुपये निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि उर्वरक विक्रेताओं को पी0ओ0एस0 मशीन के माध्यम से ही उर्वरक की बिक्री करने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि मण्डलवार यूरिया एवं डीएपी की उपलब्धता का विवरण निम्नानुसार तालिकाबद्ध किया जा रहा है-
क्र0
लक्ष्य खरीफ 2021 लक्ष्य माह जून 2021 तक उपलब्धता लक्ष्य खरीफ 2021 लक्ष्य माह जून 2021 तक उपलब्धता
1 2 3 4 5 6 7 8
1 सहारनपुर 180000 76154 110328 56500 34135 18826
2 मेरठ 285100 120619 156295 91000 54979 33969
3 आगरा 159200 67354 68254 69000 41688 19107
4 अलीगढ 186000 78692 85922 70000 42292 22973
5 बरेली 406000 171769 206548 98000 59208 44880
6 मुरादाबाद 401500 169865 261102 71000 42896 24951
7 कानपुर 253000 107038 123103 84000 50750 35967
8 प्रयागराज 223500 94558 99792 67000 40479 30617
9 झांसी 48600 20562 25706 33000 19938 8944
10 चित्रकूट धाम 38000 16077 15552 31500 19031 7471
11 वाराणसी 171500 72558 85586 64000 38667 30229
12 मिर्जापुर 75000 31731 26880 48000 29000 23433
13 आजमगढ 133000 56269 61918 43000 25979 17401
14 गोरखपुर 207000 87577 120403 57500 34740 39825
15 बस्ती 128000 54154 83003 31000 18729 21029
16 देवीपाटन 214000 90538 138500 53500 32323 24745
17 लखनऊ 484600 205023 233708 143000 86396 65229
18 अयोध्या 306000 129462 174028 89000 53771 32302
प्रदेश योग 3900000 1650000 2076628 1200000 725000 501898
लखनऊ के डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय में कार्य पूर्ववत् आरम्भ हो चुके हैं। यह जानकारी देते हुए अस्पताल के निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डाॅ0 सुभाष चन्द्र सुन्द्रियाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप दिनांक 22.01.2021 से अस्पताल में कोविड-19 वैक्सीनेशन का कार्य प्रारम्भ किया गया चूंकि शुरूआत के कुछ दिनों तक वैक्सीनेशन की रफ्तार थोड़ी धीमी रही एवं शासन के निर्देशानुसार चिकित्सालय में केवल 2 ही दिनों तक वैक्सीनेशन किया जाता था। दिनांक 05.03.2021 से चिकित्सालय में सप्ताह के प्रत्येक कार्यदिवस में लोगों का वैक्सीनेशन का कार्य सुचारू रूप से शुरू कर दिया गया, जिससे टीकाकरण की रफ्तार तेज हुई। उन्होंने बताया कि आज दिनांक 17 जून 2021 तक चिकित्सालय में कुल 98 वैक्सीनेशन सत्र पूर्ण हो चुकें हैं, जिनमें चिकित्सालय में 54,274 (चैव्वन हजार दौ सौ चैहत्तर) डोज वैक्सीन लेने वाले लाभार्थियों को लगाई जा चुकी है। उन्होंने जानकारी दी कि 18 वर्ष से 44 वर्ष के आयु वर्ग के बीच में कुल 13,763 (तेरह हजार सात सौ तिरसठ) डोज वैक्सीन लगाई गयी हैं जिसमें 5,542 (पाँच हजार पाँच सौ बयालिस) महिलायें थीं। ओपीडी और सर्जरी विभाग की जानकारी देते हुए डाॅ0 सुन्द्रियाल ने बताया कि चिकित्सालय में दिनांक 4.06.2021 को ओ0पी0डी0 खोल दी गयी हैं एवं उसके बाद से चिकित्सालय में अब तक जनरल सर्जरी विभाग में 10 मेजर सर्जरी, 13 माईनर सर्जरी, आॅर्थोपैडिक्स सर्जरी विभाग में 13 मेजर व 06 माईनर सर्जरी, ई0एन0टी0 विभाग में 2 मेजर सर्जरी व 2 माईनर सर्जरी व आई सर्जरी विभाग में 2 मोतियाबिन्दु की सर्जरी की गयी हैं जिसमें चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक, डाॅ0 एस0आर0 सिंह के द्वारा 8 मरीजों को एनेस्थिसिया दी गयी एवं चिकित्सालय के मुख्य चिकत्सा अधीक्षक, डाॅ0 एस0के0 नंदा द्वारा 5 मरीजों की सर्जरी की गयी है। चिकित्सालय मे दिनांक 04.06.2021 से अब तक कुल ओ0पी0डी0 में 14376 मरीजों को देखा गया है।
सिविल अस्पताल लखनऊ में चला मास्क चेकिंग अभियान रोगियों और तीमारदारों को दिये गये मास्क
लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में आज दिनांक 17 जून 2021 को अस्पताल के निदेशक डाॅ0 सुभाष चन्द्र सुन्द्रियाल व उनके नोडल अधिकारी डाॅ0 अशोक यादव एवं टीम द्वारा चिकित्सालय में गहन माॅस्क चेकिंग अभियान चलाया गया। निदेशक डाॅ0 सुन्द्रियाल और नोडल अधिकारी डाॅ0 अशोक यादव ने टीम के साथ चिकित्सालय परिसर में भ्रमण करके चिकित्सालय में रोगियों एवं उनके तीमारदारों के माॅस्क को चेक किया, इस दौरान जो भी रोगी या उनके तीमारदार चिकित्सालय परिसर में बिना माॅस्क के पाये गये उनकों माॅस्क के प्रति जागरूक किया गया। चेकिंग के दौरान ऐसे व्यक्तियों को चिकित्सालय द्वारा मास्क भी उपलब्ध कराये गये।
उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन मान्य किये जाने का निर्णय
उत्तर प्रदेश पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र की वैधता के संबंध में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त पूर्वव्यापी प्रभाव से 11 फरवरी, 2011 के उपरान्त उ0प्र0 शिक्षक पात्रता परीक्षा के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की वैधता रिवैलीडेट करते हुए 05 वर्ष के स्थान पर आजीवन मान्य किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में अग्रेतर कार्यवाही करने के निर्देश शासन द्वारा निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, को दिये गये हैं।
उप्र एससी-एसटी आयोग में अध्यक्ष/उपाध्यक्ष व सदस्य नामित
उप्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग में अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं सदस्य हेतु 18 लोगों को नामित किया गया है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री के0 रविन्द्र नायक द्वारा इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है। जारी अधिसूचना के अनुसार आयोग के अध्यक्ष हेतु आगरा निवासी डाॅ0 राम बाबू हरित को नामित किया गया है। उपाध्यक्ष पद हेतु शाहजहाँपुर निवासी मिथिलेश कुमार व सोनभद्र निवासी रामनरेश यादव को नामित किया है। आयोग के नामित सदस्यों मंे साध्वी गीता प्रधान सम्भल, ओमप्रकाश नायक अलीगढ़, कमलेश पासी वाराणसी, रमेश तूफानी लखनऊ, शेषनाथ आचार्य बलिया, तीजा राम आजमगढ़, अनीता सिद्धार्थ जौनपुर, रामआसरे दिवाकर फर्रूखाबाद, श्याम अहेरिया मथुरा, मनोज सोनकर वाराणसी, श्रवण गोण्ड सोनभद्र, अमरेश चन्द्र चेरो सोनभद्र, किशनलाल सुदर्शन कानपुर, के0के0 राज इटावा को शामिल किया गया है। इनका कार्यकाल 01 वर्ष या 65 वर्ष की उम्र जो भी पहले हो तक के लिए रहेगा।
पीठासीन अधिकारियों को कार्य निस्तारण हेतु मिला अतिरिक्त प्रभार
प्रदेश सरकार ने औद्योगिक न्यायाधिकरणों एवं श्रम न्यायालयों में तैनात 06 पीठासीन अधिकारियों को अपनी वर्तमान तैनाती के साथ शासकीय कार्य हित में पीठासीन अधिकारियों से रिक्त चल रहें श्रम न्यायालयों एवं औद्योगिक न्यायाधिकरणों का भी अतिरिक्त प्रभार दीया है। अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में स्थापित 06 औद्योगिक न्यायाधिकरणों एवं 20 श्रम न्यायालयों में से कुछ श्रम न्यायालयों एवं औद्योगिक न्यायाधिकरणों में पीठासीन अधिकारियों के पद रिक्त होने से न्यायिक कार्य बाधित हो रहा था, जिसके कारण शासन ने इन न्यायालयों के नजदीकी जनपदों के पीठासीन अधिकारियों को कार्य निस्तारण हेतु इनका अतिरिक्त प्रभार दिया है। इसमें प्रत्येक पीठासीन अधिकारी को प्रति सप्ताह 03 दिवस अतिरिक्त प्रभार वाले न्यायाधिकरण व श्रम न्यायालय में नियमित नियुक्ति होने तक कार्य करना होगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि श्रम न्यायालय मेरठ के पीठासीन अधिकारी श्री श्रीराम सिंह को औद्योगिक न्यायाधिकरण (05) मेरठ का, श्रम न्यायालय (03) कानपुर के पीठासीन अधिकारी श्री विनोद शंकर मिश्र को श्रम न्यायालय (01) कानपुर का, श्रम न्यायालय लखनऊ के पीठासीन अधिकारी श्री विपिन कुमार द्विवेदी को श्रम न्यायालय बरेली का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अतिरिक्त श्रम न्यायालय मिर्जापुर के पीठासीन अधिकारी श्री जयशंकर मिश्रा को श्रम न्यायालय वाराणसी का, औद्योगिक न्यायाधिकरण लखनऊ के पीठासीन अधिकारी श्री मुरली मनोहर लाल को श्रम न्यायालय रामपुर का तथा श्रम न्यायालय (04) कानपुर के पीठासीन अधिकारी श्री मानवेंद्र सिंह को श्रम न्यायालय झांसी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश एवं कुशल प्रबंधन से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश एवं कुशल प्रबंधन का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण काफी हद तक नियंत्रित हो गया है। कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन बेहतर होती जा रही है। ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नये केस इकाई में आ रहे हैं, तो कई जनपदों में नये केस नहीं मिल रहे। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 6,019 रह गए हैं। 3,049 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। यह स्थिति प्रदेश के लिए संतोषप्रद है। अब तक कुल 16 लाख 75 हजार 685 लोग कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 03 लाख सैम्पल टैस्ट हो रहे हैं। पॉजिटिविटी दर 0.1 फीसदी रही, जबकि रिकवरी दर 98.4 प्रतिशत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 44 लाख 36 हजार 119 कोविड टेस्ट हो चुके हैं। जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में कोविड टीकाकरण की पहली डोज प्राप्त कर चुके लोगों की संख्या 02 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जबकि 39 लाख 11 हजार लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग के 50 लाख 81 हजार युवाओं को वैक्सीन कवर मिल चुका है। इस तरह अब तक 02 करोड़ 42 लाख 57 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सभी तरह की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार है। प्रदेश ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। प्रदेश में 441 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है। इनमें से लगातार प्रयासों से अब तक 100 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में भारत सरकार से भी समन्वय बनाए रखा जा रहा है। 50 बेड से अधिक सभी अस्पताल ऑक्सीजन की आवश्यकता के लिहाज से आत्मनिर्भर हो रहे हैं। कोरोना प्रबंधन में गठित निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई जरूरतमंद राशन से वंचित न रहे। हर गरीब, निराश्रित और अन्य पात्र लोगों को राशन मिल रहा है और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। कोरोना के नियंत्रण से हम सभी को यह समझना होगा कि वायरस कमजोर पड़ा है, समाप्त नहीं हुआ है। थोड़ी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। इसलिए कोरोना को हराने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।