डीआरडीओ और सेना ने बनायी भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल

By इंडिया साइंस वायर | Jan 22, 2021

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा भारतीय सेना ने मिलकर भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल विकसित की है। इस पिस्तौल का डिजाइन और विकास भारतीय सेना के महू स्थित इन्फैंट्री स्कूल और डीआरडीओ के अंतर्गत कार्यरत आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (Armament Research & Development Establishment), पुणे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।

इसे भी पढ़ें: तारों के ध्वंस से जुड़ी गुत्थी समझने में सहायक नया शोध-अध्ययन

यह मशीन पिस्तौल इन-सर्विस 9-एमएम गोली दाग सकती है। पिस्तौल का ऊपरी रिसीवर एयरक्राफ्ट ग्रेड एलुमिनियम से बनाया गया है। जबकि, इसका निचला रिसीवर कार्बन फाइबर से बना है। इस मशीन पिस्तौल के ट्रिगर घटक सहित के विभिन्न भागों की डिजाइनिंग और प्रोटोटाइपिंग में 3डी प्रिटिंग प्रक्रिया का उपयोग किया गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि यह हथियार चार महीने के रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है।

इसे भी पढ़ें: कोरोना से लड़ने के लिए आप तक ऐसे पहुँचेगी वैक्सीन!

इस पिस्तौल का नाम ‘अस्मी’ रखा गया है, जिसका अर्थ गर्व, आत्मसम्मान तथा कठिन परिश्रम है। सशस्त्र बलों में हैवी वेपन डिटेंचमेंट, कमांडरों, टैंक तथा विमानकर्मियों ड्राइवर/डिस्पैच राइडरों, रेडियो/राडार ऑपरेटरों, नजदीकी लड़ाई, चरमपंथ विरोधी तथा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में व्यक्तिगत हथियार के रूप में इसकी क्षमता काफी अधिक बतायी जा रही है। इस पिस्तौल का उपयोग केंद्रीय तथा राज्य पुलिस संगठनों के साथ-साथ वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी तथा पुलिसिंग में किया जा सकता है। प्रत्येक मशीन पिस्तौल की उत्पादन लागत 50 हजार रुपये के अंदर है और इसके निर्यात की संभावनाएं भी व्यक्त की जा रही हैं।


(इंडिया साइंस वायर)

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत