उद्धव ठाकरे ने अफवाहों से बचने की दी सलाह, चक्रवात के मद्देनजर क्या करें और क्या न करें की सूची जारी की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 03, 2020

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के मद्देनजर क्या करें और क्या न करें की सूची बुधवार को जारी की। इस चक्रवात के रायगढ़ के अलीबाग शहर में दस्तक देने की संभावना है और इसका असर मुंबई, पालघर और ठाणे समेत अन्य तटीय जिलों पर भी पड़ सकता है। टि्वटर पर एक ग्राफिक साझा करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने लोगों से अनुरोध किया कि वे टीवी और रेडियो पर आधिकारिक दिशा निर्देशों पर ध्यान दें और अफवाहों पर ध्यान न दें या उन्हें न फैलाएं। ठाकरे ने कहा कि लोग अपने घरों के बाहर रखी ढीली चीजों को बांधें और बैटरी से चलने वाले उपकरणों का नियमित तौर पर निरीक्षण करें। 

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उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति मिट्टी से बने घर या झोंपड़ी में नहीं रह रहा है तो उसे अपने घर का एक कोना चुनना चाहिए जहां आपात स्थिति में शरण ली जा सकें और इसका अभ्यास करना चाहिए कि चक्रवात के दौरान परिवार के सभी सदस्य इस स्थान का इस्तेमाल कैसे करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमरे के बीच में रहे, कोनों से बचकर रहे क्योंकि मलबा अकसर कोनों में ही एकत्रित होता है। उन्होंने लोगों से मजबूत फर्नीचर जैसे कि स्टूल, भारी मेज या डेस्क के नीचे छिपने तथा इसे मजबूती से पकड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अपने सिर और गर्दन को बचाने के लिए हाथों का इस्तेमाल करें।

उन्होंने कहा कि लोगों को खिड़कियों से दूर रहना चाहिए। कुछ खिड़कियों को बंद और कुछ को खुली रखें ताकि दबाव बराबर बना रहे। ठाकरे ने गैर आवश्यक उपकरणों की बिजली आपूर्ति काटने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पीने का पानी एक स्वच्छ बर्तन में भंडार करके रखें। लोगों को जरूरत पड़ने पर फंसे या घायल लोगों की मदद करनी चाहिए और उन्हें प्राथमिक उपचार देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई गैस लीक हो तो खिड़कियों को खुला रखें और इमारत से बाहर निकल जाएं। मुख्यमंत्री ने लोगों से जरूरतमंद जैसे कि बच्चों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों और बुजुर्गों की मदद करने के लिए भी कहा। उन्होंने मछुआरों से अपनी नौकाओं को किसी सुरक्षित स्थान पर बांधकर रखने और अतिरिक्त बैटरियों के साथ अपने पास एक रेडियो रखने के लिए कहा। 

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ठाकरे ने लोगों से कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें या उन्हें फैलाए नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात के दौरान कोई वाहन चलाने या उसमें सवार होने की कोशिश न करें। क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहे।’’ उन्होंने लोगों से तेल तथा अन्य ज्वलनशील पदार्थ को फैलने न देने और फौरन उन्हें साफ करने का भी अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने मछुआरों से अनुरोध किया कि वे खराब मौसम के कारण समुद्र में न उतरे। इस बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने संबंधित अधिकारियों को समुद्र तथा आठ वार्डों में अन्य खतरनाक स्थानों के समीप रह रहे लोगों को अस्थायी तौर पर नगर निकाय के स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए कहा।

बीएमसी ने बताया कि दमकलकर्मी अलर्ट पर हैं और शहर में छह चौपाटियों में 93 गार्ड तैनात हैं। मुंबई में विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के आठ दलों और नौसेना के पांच दलों को तैनात किया गया है। बीएमसी ने किसी आपात स्थिति में लोगों से मदद के लिए 1916 हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने की भी अपील की। शहर में सड़कों पर लगे 5,000 सीसीटीवी कैमरों की मदद से आपदा नियंत्रण कक्ष से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। बीएमसी ने बताया कि जलभराव से बचने के लिए शहर में छह पम्पिंग स्टेशनों पर 300 से अधिक पम्प लगाए गए और पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया गया है। जर्जर हालत वाली इमारतों का निरीक्षण किया गया और उनमें रह रहे लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। बीएमसी ने बताया कि पेड़ की टहनियों को काटने और तेज हवा चलने से गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए नगर निकाय के 96 दलों को तैनात किया गया है।

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