By विजयेन्दर शर्मा | Oct 24, 2021
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है तो मैदानी इलाकों में बीती रात से ही लगातार बारिश हो रही हे। तेज हवाओं से ठंड लौट आई है। जिससे प्रदेश में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सबसे अधिक खराब हालात लाहौल स्पीति , किन्नौर जैसे जनजातीय जिलों में हैं।
खासकर लाहौल घाटी में अभी भी कई पर्यटक छह दिनों से फंसे हैं। यहां लगातार बर्फ पडने से रास्ते बंद हैं। हालांकि सेना की मदद से इन पर्यटकों को निकालने की नाकाम कोशिश भी हुई। लेकिन यहां चाचा चाची का ढाबा मुसीबत में फंसे पर्यटकों के लिये सहारा बन गया है। जिसकी चर्चा सब कर रहे हैं। इस कार्य के लिये उन्हें पुलिस ने सम्मानित किया है।
जिला प्रशासन के मुताबिक अभी लहौल के बातल व कुंजम दर्रे के पास करीब 80 पर्यटक फंसे थे। कुछ पर्यटकों को प्रशासन निकाल चुका है। लेकिन अभी भी बातल में दो दर्जन पर्यटक व वाहन चालक अभी भी बातल में ही फंसे हुए हैं। बातल में फंसे वाहन चालकों तक पहुंचने को सीमा सडक संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी है। बताया जा रहा है कि सीमा सडक संगठन की टीम बड़ा दड़ा से आगे निकल गई है। लेकिन जगह-जगह आए गेलिशयर उनकी राह में बाधा बने हुए हैं। बातल समुंद्र तल से साढ़े 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है। यहां अभी ढाई फीट से ज्यादा बर्फ गिरी हुई है।
जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे लहौल के बातल में फंसे पर्यटकों के लिए यहां का चाचा चाची का मशहूर ढाबा सहारा बना है। बातल में रहने के लिए चाचा-चाची के ढाबे सहित लोक निर्माण विभाग का रेस्ट हाउस भी है। लेकिन एक सप्ताह से फंसे इन लोगों की दिक्कत लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच, लाहौल स्पीति के जिला पुलिस पुलिस अधीक्षक चाचा चाची ढाबा बातल के दोर्जे बोध और श्रीमती हिशे छोमो को उनके ढाबे पर 59 पर्यटकों के जीवन को बचाने और सुरक्षित करने के लिए उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया है।
हिम आंचल टैक्सी यूनियन मनाली के अध्यक्ष पूर्ण चन्द ठाकुर ने बताया कि मनाली के पर्यटक वाहन बातल में फंसे हुए हैं। उन्होंने सीमा सडक संगठन सहित लाहुल स्पीति प्रशासन से आग्रह किया कि सड़क की जल्द बहाली कर इन वाहनों को बातल से निकालने में मदद की जाए।
सीमा सडक संगठन के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया संगठन की टीम बातल तक सड़क बहाल करने में जुटी हुई है। उन्होंने बताया टीम छोटा दड़ा से आगे निकल गई है। सड़क बहाली युद्धस्तर पर जारी है। टीम के आज बातल पहुंचने की उम्मीद है।बातल में लोगों को खाने पीने के लिए चाचा-चाची का ढाबा ही एकमात्र सहारा है। सात दिन फंसे रहे अन्य पर्यटकों के लिए भी यही ढाबा सहारा रहा। यहीं पर लोगों के खाने पीने की व्यवस्था की गई। इससे पहले भी चाचा-चाची ढाबा संचालक दंपती बर्फबारी के फंसे लोगों की मदद कर चुके हैं।