अक्सर बीमार होने पर व्यक्ति दवाई का सेवन करता है। कुछ दवाओं को छोड़ दें तो अधिकतर दवाओं को पानी के साथ ही लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार लोग दवाईयों को यूं ही निगल लेते हैं या फिर पानी के अतिरिक्त किसी अन्य चीज के साथ दवाई लेते हैं। अगर वह पानी पीते भी हैं तो दवाई लेने के बाद महज एक घूंट पानी पीकर ही संतोष कर लेते हैं। जिससे उस दवाई का फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है। अंततः व्यक्ति दवाई को गलत मानकर उसे ही दोष देता है। तो चलिए जानते हैं बिना पानी के दवाई लेने से होने वाले नुकसानों के बारे में−
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गले की नली में परेशानी
अगर आप जो दवा ले रहे हैं, उसका साइज बड़ा हो तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद आवश्यक हो जाता है। ऐसा न करने की स्थिति में दवाई का गले की नली में अटकने का डर बना रहता है। इसके अतिरिक्त ऐसा करने से गले की नली में जलन, सीने में जलन या दर्द भी हो सकता है।
एसोफैगस में अल्सर
तुर्की जर्नल ऑफ गैस्टोएंटेरोलॉजी के एक अध्ययन के अनुसार, अधिकतर दवाएं गले की नली अर्थात् एसोफैगस में अल्सर का कारण बन सकती है। दवाइयों के साइडइफेक्ट के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। यहां स्थिति और भी गंभीर तब हो जाती है, जब दवाईयों का सेवन पानी के बिना या बेहद कम पानी के साथ किया जाता है। इसलिए इस दवाईयों के दुष्प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए दवाई लेते समय पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य लें।
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रिएक्शन का डर
कुछ लोग जल्दी−जल्दी में या पानी न होने की स्थिति में शीतलपेय, ग्लूकोन डी या अन्य किसी पेय पदार्थ के साथ दवाई का सेवन करते हैं। ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए। दरअसल, हर दवाई में कुछ केमिकल का प्रयोग किया जाता है और कई बार गलत चीज के साथ दवाई लेने से रिएक्शन भी हो जाता है, जो काफी खतरनाक हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर टेबलेट गले की नली में अटक जाती है तो इससे व्यक्ति को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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न करें नजरअंदाज
दवाई लेने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना तो जरूरी है ही, साथ ही कुछ बातों का भी विशेष रूप से ध्यान रखें। उदाहरण के तौर पर, दिन में आठ से दस गिलास पानी का सेवन अवश्य करें। इसके अतिरिक्त कभी भी लेटकर दवाई का सेवन न करें। बेहतर होगा कि हमेशा खड़े होकर या बैठकर ही दवाई लें।
-मिताली जैन