अमेरिकी निर्यात के राह की बाधाएं दूर करे भारत: डोनाल्ड ट्रम्प

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 27, 2017

वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिल कर भारत और अमेरिका के बीच एक 'एक न्यायोचित एवं बराबरी का' व्यापार संबंध बनाना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने अमेरिका से भारतीय बाजारों में किए जाने वाले निर्यात के रास्ते की बाधाएं खत्म किए जाने और आपसी व्यापार में अपने देश का व्यापार घाटा कम करने के उपायों की मांग भी की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नयी व्यवस्था की सराहना करते हुए इसको भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा कर सुधार बताया और कहा कि वह भी अपने यहां नीतियों और कार्यक्रमों में सुधार करने में लगे हैं।

 

भारत में जीएसटी एक जुलाई से लागू किया जा रहा है। अमेरिका यात्रा पर आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी पहली शिखर बैठक के बाद यहां व्हाइट हाउस के रोज गार्डेन में अपने संबोधन में ट्रम्प ने कहा, 'मैं अपने दोनों देशों (अमेरिका और भारत) में रोजगार के नए अवसर सृजित करने, आर्थिक वृद्धि और दोनों के बीए एक ऐसा व्यापार संबंध बनाने के लिए आप के साथ मिल कर काम करना चाहता हूं जो न्यायोचित और बराबरी पर आधारित हो।' राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारतीय बाजार में अमेरिकी माल के प्रवेश की राह में कथित बाधाएं दूर किए जाने पर बल देते हुए कहा कि ऐसा करना और परस्पर व्यापार में अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना 'महत्वपूर्ण' है।

 

जुलाई से भारत में लागू की जाने वाली जीएसटी प्रणाली की प्रसंशा में अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि यह 'आपके देश के इतिहास का सबसे बड़ा कर सुधार है। उन्होंने कहा, हम भी ऐसा ही कर रहे हैं। हम अपने नागरिकों के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं। आपने (मोदी) बुनियादी ढांचे को सुधारने का बड़ा सपना संजो रखा है। आप सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भ्रष्टाचार हमेशा से ही एक गंभीर खतरा रहा है।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक भारतीय एयरलाइन से अमेरिकी कंपनी को मिले 100 हवाई जहाजों की खरीद के आर्डर पर प्रसन्नता प्रकट की। उन्होंने इसे अपनी तरह का सबसे बड़ा व्यावसायिक सौदा बताया और कहा कि इससे अमेरिका में रोजगार के हजारों नए अवसर उत्पन्न होंगे।

 

ट्रम्प ने कहा कि उनकी सरकार भारत को ईंधन की आपूर्ति की व्यवस्था किए जाने पर भी विचार कर रही है। तेजी से फैल रही भारत की अर्थव्यवस्था को इसकी जरूरत है। इसके तहत भारत को दीर्घावधिक अनुबंधों के आधार पर गैस की आपूर्ति किए जाने की बात है।' इस समय इस पर वार्ताएं चल रही हैं और हम इस पर हस्ताक्षर जरूर करेंगे। हमारी कोशिश है कि दाम थोड़ा और अच्छा मिल जाए।'

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