By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 22, 2021
बीते दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस ने पंजाब में अन्य कई नेताओं में से चरणजीत सिंह चान्नी को मुख्यमंत्री चुना है, जो पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में एक दलित मुख्यमंत्री चरण सिंह का चयन एक सियासी मुद्दा करार दिया जा रहा है। हालांकि एक सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि चरण सिंह पहले से ही हिंदू और सिख दोनों दलितों के मध्य लोकप्रिय विकल्प था।यह दावा किया जा रहा है कि चान्नी पार्टी की सर्वसम्मति पसंद थी लेकिन इस बात से मुकरा नहीं जा सकता कि पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री के रूप में चान्नी का चयन राज्य में बड़े दलित वोट बैंक को देखते हुए किया गया है।
2011 की जनगणना के आंकड़ों की बात करें तो पंजाब की कुल जनसंख्या में 32 % अनुसूचित जातियां हैं। जिनमें एक तिहाई दलित सिख हैं। राज्य में 54 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां 30% से अधिक मतदाता दलित श्रेणी से हैं, वहीं अन्य 45 विधान सभा क्षेत्रों में दलित मतदाताओं का प्रतिशत 20% से 30% है।आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किसी भी राजनीतिक दल की जीत या हार में अहम भूमिका निभाने वाले हैं। कुछ लोग इसे कांग्रेस पार्टी का मास्टरस्ट्रोक कह रहे हैं, जिसके साथ पार्टी ने चान्नी को पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री के रूप में चुन कर अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया है। फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि कौन सी पार्टी दलित वोट को अपने पक्ष में कर पाती है।