शिमला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपना 88वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह पहली बार है कि वीरभद्र सिंह अपने जन्म दिवस के अवसर पर अपने आवास के बजाये शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में हैं। लेकिन उनके समर्थक अपने नेता के जन्म दिवस पर प्रदेशभर में मना रहे हैं। 23 जून 1934 को जन्में वीरभद्र सिंह अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हैं और दूसरी बार कोरोना की चपेट में आने व ठीक होने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं उनकी सेहत में अब सुधार है और उन्हें कोविड वार्ड से षिमला के आईजीएमसी के स्पेशल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है लेकिन प्रदेशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता उनका जन्मदिन जोश के साथ सेलिब्रेट कर रहे हैं सीएम जयराम ठाकुर ने भी उन्हें उनकी जन्मदिन पर बधाई दी है वीरभद्र सिंह प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं व विकास में उनका अहम योगदान रहा है।
इससे पहले उनके बेटे व शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अपने समर्थकों को सोशल मिडिया में दिये एक संदेश में कहा कि 23 जून को वीरभद्र सिंह जी का जन्मदिन होता है जिस अवसर पर हर साल उनके सैंकड़ो चाहने वाले उनके निजी निवास हाली लाज शिमला में उन्हें शुभकामनाएं देने आते हैं। जैसा आप सभी जानते हैं कि इस समय वो उपचाराधीन है और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं,जहाँ से स्वस्थ होकर वो शीघ्र घर लौटेंगे,इस परिस्थिति में और साथ ही कोविड प्रोटोकोल का ध्यान रखते हुए हमारा आप सभी से निवेदन है कि इस वर्ष आपको शिमला न आकर अपने घर से ही उन्हें शुभकामनाएं और ईश्वर से उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करें अगर हो सके तो अपने अपने क्षेत्र में ज़रूरतमंद की सहायता कर उन्हें कुछ खाने वह इस महामारी से लड़ने की सामग्री अपने साधन अनुसार प्रदान करे, जिससे सही रूप में राजा साहब को ख़ुशी होगी।
वीरभद्र सिंह के 88 वें जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए उनके समर्थकों ने प्रदेशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये हैं। रामपुर रियासत के अंतिम शासक वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में हुआ। वे हिमाचल के सबसे ज्यादा 6 बार मुख्यमंत्री बने। वीरभद्र सिंह ने पहली बार सन् 1962 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे। इसके बाद 1967, 1971 और 1980 के लोकसभा चुनाव में भी इन्हें जीत नसीब हुई। 1977 में जब कांग्रेस का देश से सफाया हो गया था, इसी दौरान वीरभद्र सिंह भी चुनाव हारे थे। वीरभद्र सिंह अप्रैल 1983 में पहली बार मुख्यमंत्री बने और 1990 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे। इसके बाद 1993, 1998 और 2003 में वह फिर से सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए। 2012 में वे रिकॉर्ड छठी बार हिमाचल के सीएम चुने गए थे। मई 2009 से जनवरी 2011 तक उन्हें केंद्रीय इस्पात मंत्री का जिम्मा सौंपा गया।
बता दें कि नवंबर 1985 में वीरभद्र सिंह ने प्रतिभा सिंह से दूसरी शादी की, उनका एक बेटा और चार बेटियां हैं। हिमाचल की राजनीति और कांग्रेस को इस राज्य में स्थापित करने में सीएम वीरभद्र सिंह का अहम योगदान रहा। साल 2015 में उन पर आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगा और सीबीआई ने उन पर केस दर्ज किया। इस मामले में उनकी पत्नी, बेटे और बेटी को भी आरोपी बनाया गया है। फिलहाल, मामला कोर्ट में विचाराधीन है। वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक हैं।