By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 01, 2020
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लोगों को सलाह दी है कि वे बीमारी को हौव्वा न बनाएं बल्कि इसके उपचार पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, ‘‘1977-78 से लेकर 2016 तक हर वर्ष तीन से चार महीने में इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) से 500 से 1500 बच्चों की मौत होती थी। हमारी सरकार की तरफ से चलाए गए वृहद अभियान का नतीजा है कि हम इस बीमारी के प्रकोप को 56 से 60 फीसदी तक कम करने और मौत के आंकड़ों में 90 फीसदी तक कमी लाने में सफल रहे। इसी प्रकार डेंगू और कालाजार को भी नियंत्रित किया जा सकता है।’’
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योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राजधानी के सरोजिनी नगर के औरंगाबाद स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की पांचवीं कड़ी का शुभारम्भ किया। इस मेले से संचारी रोग नियंत्रण, दस्तक एवं विशेष जेई टीकाकरण अभियान को जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान मीडिया से कहा कि बीमारी को लेकर लोगों में भय पैदा करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में अब तक चार आरोग्य मेलों का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें 17 लाख से ज्यादा लोगों को इलाज मिला है। उन्होंने कहा कि फ्लू से बचाव को लेकर लोगों को जागरुक करने और उपचार एवं रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई बीमारी फैल जाए तो इसे हौव्वा नहीं बनाएं बल्कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग बेहतर तरीके से कार्य योजना बनाए।
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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि टीकाकरण अभियान की रविवार को शुरुआत हो रही है जिसमें एक से 15 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और माध्यमिक विद्यालयों में दस्तक अभियान के कार्यकर्ता जाएंगे और टीकाकरण करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा दूसरा प्रयास होना चाहिए कि स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा की जाए जिससे घरों, मोहल्लों और गांवों में स्वच्छता बनी रहे। सड़कों पर कूड़ा ना फेंका जाए। छोटे-छोटे मच्छरों से होने वाली बीमारियों से लड़ने के लिए निरंतर फॉगिंग अभियान चलाया जाए। आज से शुरू हो रहा यह कार्यक्रम 31 मार्च तक चलेगा। इसका विशेष ध्यान रखना है कि इस दौरान कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए।’’