वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम में जगह नहीं मिलने पर जाधव ने दिया ये बयान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 25, 2018

नयी दिल्ली। एक बार फिर फिट हो चुके केदार जाधव को गुरुवार को झटका लगा जब वेस्टइंडीज के खिलाफ बाकी बचे तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई और उन्होंने कहा कि उन्हें बाहर रखने को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। देवधर ट्राफी के बीच में जाधव को भारत ए टीम में जगह दी गई क्योंकि चयनकर्ता उनकी वापसी पर फैसला करने से पहले उनकी फिटनेस परखना चाहते थे।

तीन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की मौजूदगी में जाधव ने 25 गेंद में नाबाद 41 रन की पारी खेली और पांच ओवर भी फेंकते हुए अपना दावा पेश किया लेकिन देवधर ट्राफी मैच के दौरान घोषित हुई टीम में महाराष्ट्र के इस खिलाड़ी को जगह नहीं दी गई। जाधव से जब यह पूछा गया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ बाकी बचे तीन मैचों में उनके चयन को लेकर किसी तरह की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है।’

पुणे के इस 33 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘देखते हैं क्या होता है। मुझे यह बताने वाले आप पहले व्यक्ति हैं। मुझे यह देखने कि जरूरत है कि उन्होंने मुझे क्यों नहीं चुना। मैं टीम में नहीं था इसलिए मुझे नहीं पता कि क्या योजना है। संभवत: मैं रणजी ट्राफी में खेलूंगा।’ खिलाड़ियों के साथ संवादहीनता के लिए चयनकर्ताओं को पिछले कुछ समय में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है और जाधव के मामले ने एक बार फिर इस बहस को छेड़ दिया है।

करूण नायर और मुरली विजय ने कहा था कि टेस्ट टीम से बाहर किए जाने से पहले चयनकर्ताओं ने उनसे बात नहीं की। इस दावे को हालांकि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने खारिज किया था। जाधव ने पिछले महीने एशिया कप के दौरान टीम में वापसी की थी लेकिन फाइनल में मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या फिर उभरने के कारण उन्हें दोबारा रिहैबिलिटेशन से गुजरना पड़ा। जाधव ने कहा कि जब आप अच्छा खेल रहे होते हैं और चोटिल हो जाते हैं तो इससे पीड़ा पहुंचती है।

उन्होंने कहा, ‘रिहैबिलिटेशन अच्छा था। मैं सभी टेस्ट पार करने के बाद हां मैच फिट होकर आया था। सब कुछ ठीक है। बेशक जब आप फार्म में हों और चोटिल हो जाएं तो पीड़ा पहुंचती है। इससे अनिश्चितता पैदा होती है कि आपको अगला मौका कब मिलेगा। जब आप वापसी करते हैं तो आपको शून्य से शुरूआत करनी होती है क्योंकि आप काफी मैचों में खेलने से चूक चुके होते हैं। इससे पीड़ा पहुंचती है लेकिन आपको इसे स्वीकार करके आगे बढ़ना होता है।’

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