By अनन्या मिश्रा | Oct 04, 2023
पैनिक अटैक एक ऐसा दौरा होता है, जिसके बारे में कई बार हमें पता नहीं चल पाता है। गहरे दुख या फिर अवसाद की स्थिति में लोग पैनिक अटैक का शिकार होते हैं। पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को पसीना बहुत आता है, सांस लेने में परेशानी होती है और ऐसा लगता है जैसे दिल का दौरा पड़ रहा हो।
कई बार इस स्थिति में लोगों को समझ नहीं आता है कि उन्हें क्या करना चाहिए। लेकिन इस बारे में जानकारी होना काफी ज्यादा जरूरी होता है। हांलाकि यह अटैक कुछ समय के लिए होता है, लेकिन इसका अनुभव काफी ज्यादा खतरनाक होता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पैनिक अटैक का कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
पैनिक अटैक का कारण
बता दें कि पैनिक अटैक का कोई ठोस कारण नहीं है। यह अटैक बिना किसी चेतावनी के अचानक कहीं भी आ सकता है। लेकिन पैनिक अटैक आने के पीछे का मुख्य कारण डर या फिर एंजायटी हो सकती है। जब किसी चीज या बात पर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा घबरा जाता है, तो वह घबराहट और डर एंजायटी में बदल जाता है। किसी बड़ी दुर्घटना या जीवन में किसी गहरे दुःख के कारण भी पैनिक अटैक आ सकता है। लेकिन स्थिति ठीक होने पर व्यक्ति पैनिक अटैक से उबर जाता है।
पैनिक अटैक के लक्षण
तेज गति से दिल का धड़कना
सांस लेने में तकलीफ होना
कोई बहुत बड़ा दुःख
कांपना या हिलना
छाती में दर्द
पेट में ऐंठन
पसीना आना
मौत का डर
ठंड लगना
झुनझुनी
सिरदर्द
अवसाद
ऐसे करें बचाव
पैनिक अटैक आता है तो ऐसी स्थिति में सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए। हांलाकि पैनिट अटैक जानलेवा नहीं होता है, लेकिन इसका दिमाग पर गहरा असर पड़ सकता है। पैनिक अटैक से व्यक्ति की जिंदगी पर गहरा असर पड़ सकता है। इससे बचने के लिए आपको अपनी डेली रूटीन में एक्सरसाइज शामिल करना चाहिए। अरोमाथेरपी का सहारा लें, सांस वाले व्यायाम करें और मेडिटेशन का सहारा लें। इसके साथ ही किसी अच्छे डॉक्टर से काउंसलिंग करवाएं। इससे आप पैनिक अटैक के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।