Health Tips: शरीर पर पड़ने वाले नीले निशानों को न करें अनदेखा, वरना हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां

By अनन्या मिश्रा | Feb 14, 2024

कुछ लोगों के शरीर में अक्सर बिना किसी चोट के नीले निशान पड़ जाते हैं। ऐसा अक्सर लोगों के साथ होता है, लेकिन लोग इसको अधिक गंभीरता से नहीं लेते हैं। ऐसे में आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे क्या कारण हो सकता है।

 

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है और बिना चोट लगे शरीर में नीले चकत्ते पड़ जाते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको शरीर में नीले निशान पड़ने के कारण इसके लक्षण और उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: Health Tips: जवां स्किन से लेकर याददाश्त बढ़ाने तक में फायदेमंद है मूंगफली, जानिए इसके तमाम फायदे


क्या है नीले निशान पड़ने की वजह

ब्लड क्लॉटिंग यानी खून जमने की समस्या के कारण त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं। शरीर में नीला निशान पड़ना इस बात की ओर संकेत देता है कि आपकी बॉडी को उतना ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है, जितना जरूरी है। हांलाकि ऐसा क्यों होता है यह भी जानना बेहद जरूरी होता है।


साइनोसिस की समस्या

सरल शब्दों में आप साइनोसिस को इस तरह से समझ सकते हैं- जब आप नाखून काटते हैं, तो निर्जीव नाखून काटने पर दर्द नहीं होता है। लेकिन जैसे ही बढ़े हुए नाखून से आगे थोड़ा सा कट जाता है, तो दर्द होने के साथ ही खून आने लगता है। इसका अर्थ है कि शरीर की ऊपरी त्वचा के लेयर तक खून की सप्लाई होता है। वहीं ब्लड हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। ऐसे में शरीर के जिस हिस्से में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाता है, इसको साइनोसिस कहा जाता है।


हेमरेज और नील पड़ने में फर्क

स्किन के अंदर खून जमने की प्रक्रिया एक तरह के हेमरेज होता है। आमतौर पर चोट लगने पर खून जम जाता है, जिस कारण शरीर में नीला, काला या लाल निशान पड़ जाता है।


अगर खून की नलियों में से ब्लड बाहर की तरफ निकलता है और खून को मेंटेन रखने की क्षमता कम हो और यदि प्रोथोम्बिन और थोम्बिन कम हो जाता है। तो यह हेमरेज है। इस स्थिति में बॉडी के उस हिस्से में खून के थक्के बन जाते हैं।


वहीं त्वता पर नीले निशान हैं, तो इसमें घबराने वाली बात नहीं हैं। यह स्किन पर दिखाई देने वाले नीले निशान हैं। शरीर में मौजूद ऐसे श्वेत रक्त कण यानी की WBC धीरे-धीरे खून के थक्कों को वहां से हटा देते हैं। लेकिन अगर दिल या दिमाग में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती हैं, तो पल्मोनरी एम्बोलिज्म या ब्रेन हेमरेज की समस्या हो सकती है।


सर्दियों में बढ़ती है यह समस्या

आपके भी मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर सर्दियों के मौसम में ही त्वचा पर यह नीले निशान क्यों पड़ते हैं। तो इसका जवाब है कि सर्दियों में खून में ऑक्सीजन की सप्लाई कम या धीमी हो जाती है। जिसके कारण त्वचा पर नीले निशान दिखाई देने लगते हैं। जिसको साइनोसिस कहा जाता है।


दवाइयों के कारण नीले निशान

शरीर के किसी भी हिस्से जैसे पेट, गले, हाथ, पैर में साइनोसिस हो सकता है। वहीं कई बार दवाइयों के रिएक्शन के कारण भी त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं।


साइनोसिस की स्थिति बनने पर शरीर में सबसे पहले ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। वहीं बॉडी में खून की कमी होने पर फोलिक एसिड युक्त चीजें डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। इससे जल्द आराम मिलता है।


पीरियड्स में पड़ जाते हैं नीले निशान

कई महिलाओं को माहवारी के दौरान भी शरीर में नीले निशान पड़ जाते हैं। तो बता दें कि ऐसा अधिक ब्लीडिंग की वजह से होता है। ओवेरियन फॉलिकल ज्यादा रप्चर होने की वजह से ब्लीडिंग अधिक होती है और इससे बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। जिसके कारण त्वचा पर नीले निशान पड़ने लगते हैं।


पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर को अधिक आराम की जरूरत होती है। वहीं शरीर को आराम न मिल पाने पर ओवेरियन फॉलिकल के ज्यादा रप्चर होने की संभावना होती है। जिससे अधिक ब्लीडिंग होने लगती है और शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छे से नहीं हो पाती है। इस वजह से भी त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं।


डाइट में बढ़ाएं फोलिक एसिड की मात्रा

जब शरीर में नीले निशान पड़ने लगते हैं, तो हेल्थ एक्सपर्ट्स डाइट में फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। डाइट में फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने से ब्लड बनता है और साइनोसिस की समस्या ठीक होने लगती है। इसलिए महिलाओं को इस समस्या से बचने के लिए अपनी डाइट में अंडा, राजमा, टमाटर, केला, एवोकाडो, ब्रोकोली और सूजी आदि को शामिल करना चाहिए।


हीमोग्लोबिन की कमी

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। वहीं हीमोग्लोबिन की कमी से ब्रेन, जीभ की मसल्स और हार्ट आदि में खून की सप्लाई कम हो जाती है। जिससे ब्लड क्लॉटिंग की समस्या बन सकती है। जिसका असर ब्रेन और किडनी पर भी पड़ सकता है।


खून की कमी से पड़ते हैं नीले निशान

बता दें कि एनिमिक होने पर शरीर पर नीले निशान नजर आते हैं। एनिमिक लोगों को अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करना चाहिए, जिनमें फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक हो। क्योंकि शरीर में खून की कमी होने से नीले निशान पड़ जाते हैं। कई बार शरीर पीला पड़ जाता है। इस स्थिति में ऑर्गन ठीक से विकास नहीं कर पाता और व्यक्ति का व्यवहार चिड़चिड़ा हो जाता है।


लाइफस्टाइल

वर्तमान समय की लाइफस्टाइल के कारण तनाव अधिक बढ़ गया है। लोगों को घंटों बैठकर ऑफिस में काम करना पड़ता है। तनाव रहने, समय पर भोजन न करने, देर रात खाने, अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन और एक्सरसाइज न करने से कॉन्स्टिपेशन की समस्या होने लगती है। वहीं इससे पाइल्स की समस्या भी हो सकती है। पाइल्स के कारण ज्यादा खून बहने से व्यक्ति एनिमिक का शिकार हो सकता है और शरीर पर नीले निशान पड़ सकते हैं।


खून की कमी

आपको बता दें कि महिलाओं में 12 से 15% एनल कैंसर के मामले पाए जाते हैं। इसकी एक सबसे बड़ी वजह शर्म और हिचक है। शौच में ब्लड आना या एनल पार्ट में घाव होने पर महिलाएं डॉक्टर से अपने परेशानी शेयर करने में शर्म महसूस करती हैं। ऐसी स्थिति में घाव बढ़ जाता है और लगातार खून का रिसाव होने से एनीमिया की शिकायत होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं एनीमिया की वजह से बॉडी पर नीले निशान पड़ जाते हैं। इसके अलावा महिलाओं को एनल कैंसर के रूप में बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है।


जानिए क्या हैं उपाय

यदि शरीर पर बार-बार नीले निशान पड़ते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। साथ ही आपको अपने रहन-सहन और लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतें अपनानी चाहिए। क्योंकि बिना चोट के शरीर पर पड़ने वाले नीले निशान से बचने के लिए अपनी आदतों को बदलना जरूरी है। ऐसे में हेल्दी डाइट, पर्याप्त नींद लेने के साथ तनाव से दूरी रखें। इन आदतों को अपनाकर शरीर पर पड़ने वाले नीले निशानों से बचा जा सकता है।

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत