कांग्रेस और स्टालिन के बीच पड़ी फूट ? DMK ने कहा- समय बताएगा संबंध कब होंगे सामान्य

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 15, 2020

चेन्नई। द्रमुक ने मंगलवार को कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर कांग्रेस द्वारा बुलायी गयी विपक्षी दलों की बैठक से वह इसलिए दूर रही क्योंकि पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन पर स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन धर्म के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। द्रमुक ने यह भी कहा कि संबंध दोबारा कब सामान्य होंगे, यह समय बताएगा। हालांकि तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के एस अलागिरि ने मतभेदों को तवज्जों नहीं देते हुए कहा कि दोनों पार्टियां  दो मिले हुए हाथ  हैं और गठबंधन जारी रहेगा। 

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विपक्ष की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए बैठक में भागीदारी से दूर रहने के एक दिन बाद भी द्रमुक अपनी पुरानी सहयोगी के साथ संबंध फिर से पटरी पर लाने के मूड में नहीं दिख रही है। हालांकि, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के एस अलागिरि कथित तौर पर खेद प्रकट कर चुके हैं। वरिष्ठ नेता टी आर बालू ने यहां कहा, ‘‘हमने बैठक में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि हमारे प्रमुख पर गठबंधन धर्म के उल्लंघन का आरोप लगाया गया।’’

लोकसभा सदस्य बालू ने कहा कि पार्टी दिल्ली में बैठक में शामिल नहीं हुई क्योंकि उसे लगा कि टीएनसीसी अध्यक्ष अलागिरि के हालिया बयान में हमारे पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन पर आरोप लगाए गए थे। बालू ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि अलागिरि बयान जारी करने से परहेज कर सकते थे। क्या कांग्रेस के साथ संबंध अब सामान्य होने की ओर है (चूंकि अलागिरि कथित तौर पर अफसोस जाहिर कर चुके हैं और इस संबंध में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिल चुके हैं), इस पर बालू ने साफ कुछ कहने से मना कर दिया।

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उन्होंने कहा, ‘‘समय ही बताएगा कि पहले की तरह संबंध होंगे या नहीं, आप क्यों चिंता कर रहे हैं।’’ मीडिया द्वारा मामले की चीरफाड़ पर आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को लगता है कि अलागिरि द्वारा इस मामले में जारी किया गया बयान सही नहीं था। उन्होंने कहा कि सिर्फ इतना ही हम आपको अब बता सकते हैं। टीएनसीसी के अध्यक्ष अलागिरि ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि द्रमुक और कांग्रेस दो मजबूत बाजू हैं और सशक्त विचारधारा इसकी रीढ़ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा गठबंधन जारी रहेगा।’’ अलागिरि ने 10 जनवरी को कहा था कि सहयोगी द्रमुक ने उसे उचित संख्या में स्थानीय निकाय प्रमुखों के पद नहीं दिए और यह गठबंधन धर्म के खिलाफ था।

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