By अनन्या मिश्रा | May 15, 2023
डीके शिवकुमार की गिनती कांग्रेस के अहम और प्रभावशाली नेताओं में की जाती है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कई बड़े दिग्गज नेताओं को धूल चटाई है। वर्तमान में वह कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वह जेडीएस के कुमारस्वामी के मंत्रिमंडल में सिंचाई राज्य मंत्री थे।
बता दें कि आज ही के दिन यानी की 15 मई को डीके शिवकुमार अपना 61वां बर्थडे मना रहे हैं। डीके शिवकुमार ने कर्नाटक की राजनीति में खुद को बेहद चर्चाओं के बीच स्थापित कर लिया। इसके अलावा उन्हें राहुल गांधी व सोनिया गांधी का करीबी भी माना जाता है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर डीके शिवकुमार के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
कर्नाटक के कनकपुरा में 15 मई 1962 को डीके शिवकुमार का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम केम्पेगौड़ा और मां का नाम गौरम्मा हैं। वह वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। डीके सफल राजनीतिज्ञ होने के अलावा शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। साल 2006 में कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी मैसूर से राजनीति विज्ञान में मास्टर ऑफ आर्ट्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उनके छोटे भाई डीके सुरेश भी राजनीति में सक्रिय हैं। वहीं 1993 में डीके ने उषा से शादी की। उनकी दो बेटियां ऐश्वर्या और आभरण और एक बेटा आकाश है।
राजनीतिक करियर
साल 1980 में शिवकुमार ने छात्रनेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। धीरे-धीरे वह कांग्रेस पार्टी के रैंकों के माध्यम से आगे बढ़े। डीके शिवकुमार ने अपने पहले चुनाव में ही बड़ा धमाका किया था। बता दें कि साल 1989 में उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री रहे एचडी देवगौड़ा को विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त दी और वह मंत्री बनें। इस तरह से उन्होंने बड़ी चर्चाओं के बीच अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की थी। इसके बाद डीके शिवकुमार ने एक बार और देवगौड़ा को हराया था। उन्होंने न सिर्फ देवगौड़ा बल्कि उनके परिवार को भी चुनावों के दौरान शिकस्त दी थी।
बता दें कि जब डीके शिवकुमार मैसूरु जिले के सथानूर निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए थे। तो उस दौरान उनकी आयु 27 साल थी। तब वह कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। इसके बाद साल 1994, 1999 और 2004 के विधानसभा चुनाव में भी मैसूरु जिले के सथानूर निर्वाचन क्षेत्र जीत दर्ज की। जबकि साल 2008, 2013, 2018 और 2023 में शिवकुमार ने कनकपुरा से जीत हासिल की।
विलासराव देशमुख ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान डीके शिवकुमार के साथ मिलकर काम किया। जब देशमुख ने साल 2002 में अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया। तो उस दौरान भी डीके शिवकुमार संकटमोचक बने थे। उन्होंने वोट की तारीख तक एक सप्ताह के लिए बैंगलोर के बाहरी इलाके में स्थित अपने रिसॉर्ट में महाराष्ट्र के विधायकों की मेजबानी का कार्य किया था। जिससे देशमुख अपनी सरकार बचाने में कामयाब हुए थे।
वहीं साल 2017 में भी गुजरात से राज्यसभा के ठीक पहले गुजरात कांग्रेस के 42 विधायकों को बेंगलुरु में अपने रिसॉर्ट में रोक कर अपनी पार्टी के नेतृत्व में सहायता की थी। ताकि विधायक अन्य किसी राजनीतिक दल में न चले जाएं। उनके द्वारा की गई इस सहायता से अहमद पटेल को चुनाव जीतने में मदद मिली थी। साल 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान जब कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन की सरकार बनाई थी। तब भी दोनों दलों के गठबंधन सरकार के गठन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
गांधी परिवार के करीबी हैं शिवकुमार
डीके शिवकुमार की प्रतिभा को राहुल व सोनिया गांधी अच्छे से पहचानते हैं। तभी डीके की गिनती गांधी परिवार के करीबियों में की जाती है। इसके अलावा उनकी गिनती भारत के सबसे अमीर राजनेताओं में भी होता है। वर्तमान की बात करें तो 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने हुए, उन्होंने कुल 840 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की। जब भी कांग्रेस पार्टी को फंड्स की जरूरत होती है तो वह सबसे पहले नंबर पर खड़े होते हैं। इस तरह से वह पार्टी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाते आ रहे हैं।
सीएम पद के दावेदार हैं डीके शिवकुमार
इस बार भी डीके अपनी गृहनगर यानी की परंपरागत सीट कनकपुरा से चुनावी मैदान में उतरे थे। इस सीट से वह अब तक 8 बार विधायक रह चुके हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के आर अशोक को करारी शिकस्त दी है। कर्नाटक में कांग्रेस 22 सालों बाद सत्ता में आएगी। हालांकि डीके शिवकुमार सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं। सीएम पद के लिए पूर्व सीएम सिद्धारमैया से उनकी सीधी लड़ाई है।
विवाद
साल 2017 में बेंगलुरु में शिवकुमार के आवास और कार्यालय पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। उस दौरान ईगलटन गोल्फ रिज़ॉर्ट और उनके भाई डीके सुरेश के यहां भी छापा मारा गया था। नई दिल्ली, बेंगलुरु, मैसूर, चेन्नई और शिवकुमार के गृहनगर कनकपुरा समेत 67 स्थानों पर आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी 80 घंटे तक चली थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आयकर द्वारा की गई छापेमारी में शिवकुमार के दिल्ली स्थित आवास से 8 करोड़ रुपए और अन्य स्थानों से 2 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे। बता दें कि शिवकुमार 104 दिनों तक जेल में भी रहे हैं। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं