By अंकित सिंह | Sep 07, 2022
दिल्ली वालों के लिए दिवाली इस बार भी फीकी रहने वाली है। दरअसल, इस बार भी दिल्ली में दिवाली पर पटाखे पूर्ण रूप से बैन रहेंगे। पिछले कई सालों से दिल्ली में दिवाली के अवसर पर पटाखों को बैन कर दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है। यही कारण है कि दिवाली और आसपास के समय में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। एक बार फिर से दिल्ली में 1 जनवरी 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण रूप से दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं, पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू रहेगा। हालांकि, अब तक यह नहीं बताया गया है कि यह प्रतिबंध कब से प्रभावी होंगे। लेकिन माना जा रहा है कि दशहरे के आसपास से दिल्ली में पटाखों पर यह प्रतिबंध प्रभावित हो जाएंगे।
इसको लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कई ट्वीट किए हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री / डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल भी 28 सितंबर से एक जनवरी 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। दिल्ली सरकार के इस फैसले पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पटाखों पर बैन एक गहरी साज़िश। गुजरात में मुसलिम तुष्टिकरण के लिए लिया गया ये फ़ैसला। ये प्रदूषण से जुड़ा मुद्दा नहीं, हिंदुओं के त्यौहारों को रोकने की यह शर्मनाक कोशिश है। उन्होंने कहा कि जनता ऐसे अवैज्ञानिक, तानाशाही ऑर्डर को नही मानेगी। भाजपा नेता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रही है और अब पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर “दिखावा” कर रही है।