By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 29, 2019
बेंगलुरू। कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने कर्नाटक से जून महीने में नदी घाटी से निचले राज्यों को 9.19 टीएमसी पानी छोड़ने के लिए कहा है। इसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा कि अगर पानी नहीं हुआ और कम प्रवाह रहता है तो ‘डिस्ट्रेस फॉर्मूला’ अपनाना होगा। जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकारियों के साथ कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के फैसले पर चर्चा हुई और कानूनन भी इसका अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे। इस बारे में कोई संदेह नहीं है। लेकिन बरसाती मिट्टी के प्रवाह को ध्यान में रखते हुए हम जरूरी कार्रवाई करेंगे। अगर बिल्कुल पानी नहीं होगा या कम प्रवाह होगा तो हमारे पास कोई विकल्प नहीं होगा। हमें डिस्ट्रेस फॉर्मूले का पालन करना होगा।
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उन्होंने कहा कि हमने हमारी बातें बता दी हैं, हम इस साल अच्छे प्रवाह की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि बारिश शुरू हो रही है। बीच में थोड़ी चिंता थी, अब बारिश धीरे-धीरे शुरू हो गयी है। अगर ऐसा होगा तो हम आदेश का पालन करेंगे। शिवकुमार ने कहा कि अगर पानी नहीं हुआ तो हमें डिस्ट्रेस फॉर्मूले का पालन करना होगा। प्राधिकरण ने पानी छोड़ने का फैसला किया जिसमें केंद्र सरकार के साथ ही तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पुडुचेरी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। शिवकुमार ने कहा कि अगर आपात स्थिति होती है और हम कुछ मुद्दों की वजह से निश्चित फैसला नहीं ले पाए तो सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे। सीडब्ल्यूएमए के आदेश पर विपक्ष के नेता और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि अगर बारिश होती है और अच्छा जल प्रवाह रहता है तो पानी छोड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।