सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उप्रकमों (सीपीएसई) से कहा है कि वे विवादों के निपटान में ‘तय समय सीमा का कड़ाई से पालन करें।’ सरकार ने विवादों के निपटान में देरी के मामलों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। लोक उप्रकम विभाग ने सभी प्रशासनिक मंत्रालयों व विभागों से कहा है कि वे अपने अधीन आने वाली सीपीएसई को इस बारे में उचित दिशा निर्देश जारी करें।
विभाग ने कहा है, ‘‘अक्सर यह देखा गया है कि विवाद के दौरान पार्टियों द्वारा मांगे गये आवश्यक दस्तावेजों, स्पष्टीकरण अथवा प्रति दावे को रखने में काफी देरी की जाती है, जिससे कि विवादों के निपटान और निर्णय में काफी देरी होती है।’’ लोक उपक्रम विभाग ने कहा, ‘‘इसलिये सभी प्रशासनिक मंत्रालयों और विभागों से आग्रह किया जाता है कि वह अपने अधीन सभी केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करें कि वह समय सीमा का कड़ाई से अनुपालन करें और जो प्रति दावे, स्पष्टीकरण अथवा जरूरी दस्तावेज सौंपे जाने हों वह तय समय में सौंप दिये जायें।’’
केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के बीच अथवा सीपीएसई और सरकारी विभागों अथवा मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच वाणिज्यिक अनुबंधों को लेकर होने वाले विवादों को निपटाने के लिये सरकार ने 1989 में एक स्थायी प्रणाली ‘‘परमानेंट मशीनरी ऑफ अर्ब्रिटेशन (पीएमए) बनाई थी। यह प्रणाली लोक उपक्रम विभाग में स्थापित है।