मणिपुर में गोलीबारी में चार लोगों की मौत की वजह मादक पदार्थ से अर्जित धन का विवादः अधिकारी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 02, 2024

मणिपुर के थोउबल जिले में अल्पसंख्यक बहुल लिलोंग चिंगजाओ क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सदस्यों द्वारा गोलीबारी करके चार ग्रामीणों की हत्या किये जाने की घटना की वजह मादक पदार्थ से अर्जित धन को लेकर हुए विवाद को बताया जा रहा है। क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, लिलोंग चिंगजाओ क्षेत्र में स्थिति मंगलवार को शांतिपूर्ण रही। मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है। अधिकारियों ने बताया कि घटना में घायल एक और व्यक्ति की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। जबकि गंभीर रूप से घायल दो अन्य लोगों का इंफाल स्थित एक अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है।

घटना को लेकर अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कुछ सदस्य(कैडर) एक व्यक्ति के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि उसके मादक पदार्थों के कई मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान विवाद होने पर कुछ ही मिनटों में लिलोंग चिंगजाओ गांव में संदिग्ध मादक पदार्थ विक्रेता के आवास के बाहर लगभग 1,000 लोग एकत्र हो गए और पीएलए के सदस्यों को खदेड़ने लगे। यह गांव थोउबल जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर स्थित है। अधिकारियों ने बताया कि भागते समय पीएलए के सदस्यों ने स्थानीय लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें चार लोग मारे गए और कुछ अन्य घायल हो गए। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) ने एक बयान जारी कर दावा किया कि बंदूकधारी उसके संगठन के थे और वे घटना की आंतरिक जांच कर रहे हैं।

दोनों संगठनों को कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है अधिकारियों ने कहा कि इस घटना को अवैध मादक पदार्थ के व्यापार के माध्यम से अर्जित धन को लेकर विवाद के परिणाम के रूप में देखा जा रहा है। घटना के बाद, पुलिस ने क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए नागरिक समाज के नेताओं और लिलोंग विधायक अब्दुल नासिर की उपस्थिति में एक अंतर-धार्मिक बैठक की। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी आश्वासन दिया कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और कानून के मुताबिक सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने राज मेडिसिटी अस्पताल का दौरा किया जहां घायलों का इलाज चल रहा था। अपनी यात्रा के बाद सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हम सभी प्रकार की हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं और राज्य सरकार ने दोषियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।

दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।’’ वर्दीधारी अज्ञात बंदूकधारी सोमवार रात को एक व्यक्ति से ‘‘पैसे वसूलने’’ के लिए लिलोंग चिंगजाओ पहुंचे थे, जिसके बाद विवाद हुआ। उन्होंने बताया कि जब स्थानीय लोग उन्हें खदेड़ रहे थे तो बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे कई लोग हताहत हो गये। ‘‘कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने’’ के मद्देनजर इंफाल घाटी के पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सड़कों पर कुछ ही वाहन चलते दिखाई दिए ओर अधिकतर वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए इंफाल के ‘जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज’ में लाया गया है उनकी पहचान मोहम्मद दौलत (30), एम सिराजुद्दीन (50), मोहम्मद आजाद खान (40) और मोहम्मद हुसैन (22) के रूप में की गई।

घटना में 10 अन्य घायल हो गए और फिलहाल इंफाल के एक अन्य अस्पताल में उनका इलाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनमें से चार को गोली लगी है और चार में से दो आईसीयू में हैं जबकि दो अन्य चिकित्सकों की निगरानी में हैं। हमले के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने उन चार गाड़ियों में आग लगा दी, जिनमें हमलावर आए थे। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका कि वे किस गुट से संबद्ध हैं। हिंसा के बाद थोउबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हिंसा की निंदा की और लोगोंसे, विशेषकर लिलोंग के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस हमले में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए काम कर रही है। उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा।’’ स्थानीय विधायक अब्दुल नासिर ने कहा कि संबंधित अधिकारियों ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया है और दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।

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