By अंकित सिंह | Jul 08, 2022
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष घोष ने दावा किया कि उन्होंने बनर्जी के खिलाफ कोई अनुचित टिप्पणी नहीं की और उनकी टिप्पणी केवल उनके ‘‘राजनीतिक अवसरवाद व असंगति’’ के संदर्भ में थी। भाजपा नेता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के प्रतिनिधित्व वाले भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में भी ‘‘कट मनी संस्कृति और तृणमूल कांग्रेस द्वारा विरोधियों पर किए गए अत्याचारों’’ के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल पुलिस को मुझे गिरफ्तार करने की चुनौती देता हूं। मैंने कोई ‘कट मनी’ नहीं ली है, न ही मैंने किसी की हत्या की है। मैंने किसी की संपत्ति को नहीं जलाया है और न ही उन्हें लूटा है। मैंने अपने विचारों का विरोध करने के लिए लोगों को नहीं पीटा है। अगर, फिर भी कानून के रखवाले मुझे सलाखों के पीछे डालना चाहते हैं, मैं उन्हें पुलिस भेजने की चुनौती देता हूं।
दरअसल घोष ने ‘इंडिया टुडे ईस्ट कॉनक्लेव’ में एक सत्र के दौरान पिछले राज्य विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के ‘बांग्लार मेये’ (बंगाल की बेटी) अभियान और बाद में गोवा के चुनाव में तटीय राज्य से अपना संबंध बताने के संदर्भ में मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिसपर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कड़ी आपत्ति जतायी थी। वहीं, राज्यपाल से मुलाकात के बाद तृणमूल नेता काकोली घोष ने बताया था कि हम राज्यपाल से ये मांग करने आए थे कि हमारे लोकसभा के एक सदस्य माननीय दिलीप घोष ने हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ जो गाली देने के सामान बयान दिया है उसका जवाब और इस पर ठोस कदम उठाया जाए इसके लिए हम यहां आए थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि वो उनसे बात करेंगे।