मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के अर्थव्यवस्था में नकद की जगह दूसरे माध्यमों से लेनदेन को बढ़ावा देने के प्रयासों का असर दिखने लगा है और पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में डिजिटल भुगतान कई गुना बढ़ा है। केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2015-16 से 2019-20 के बीच डिजिटल भुगतान 55.1 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। इस दौरान डिजिटल भुगतान की मात्रा मार्च 2016 में 593.61 करोड़ से बढ़कर मार्च 2020 तक 3,434.56 करोड़ हो गई। इस दौरान लेनदेन का मूल्य 15.2 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर के साथ 920.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1,623.05 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में डिजिटल भुगतान इससे पिछले वर्ष की तुलना में 593.61 करोड़ से बढ़कर 969.12 करोड़ हो गया, जबकि इस लेनदेन का मूल्य बढ़कर 1,120.99 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह साल दर साल इन आंकड़ों में इजाफा होता रहा।
हालांकि, वित्त वर्ष 2019-20 में इसमें भारी उछाल देखने को मिला, जब लेनदेन की संख्या जबरदस्त तेजी के साथ बढ़कर 3,434.56 हो गई, हालांकि इस दौरान कुल मूल्य में कुछ कमी आई। मूल्य के हिसाब से यह ,623.05 लाख करोड़ रुपये का रहा। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के मद्देनजर डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ा है।