By सिमरन सिंह | Dec 18, 2020
दुनियाभर में सबसे ज्यादा डाइट सोडा का पिया जाता है। अक्सर लोग खाना या फास्ट फूड का सेवन करने के बाद इसे पीते हैं। कई लोगों का मानना है कि डाइट सोडा हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है और इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो सकता है। अधिक्तर लोगों के बीच में ये काफी लोकप्रिय भी है। हालांकि, इसमें कई मात्रा में कैमिकल पाया जाता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद नहीं बल्कि नुकसानदायक साबित हो सकता है। आज हम आपको डाइट सोडा क्या होता है? इससे क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं? कैसे ये मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है? इन सबके बारे में बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं...
क्या होता है डाइट सोडा
विशेषज्ञों के अनुसार डाइट सोडा एक तरह का सॉफ्ट ड्रिंक्स होता है। इसमें चीनी की मात्रा काफी कम होती है और इसका स्वाद सोडे के जैसा ही होता है। अपनी सेहत का काफी ध्यान रखने वाले अधिक्तर लोग इसका सेवन करते हैं। इसे उत्पादन करने वाली कंपनियों का भी मुख्य विक्रय बिंदु होता है कि इसमें जीरो कैलोरी और शक्कर की मात्रा भी काफी कम होती है।
डाइट सोडा है नुकसानदायक
अगर आप डाइट सोडा का सेवन यह सोचकर करते हैं कि उसमें जीरो कैलरी या चीनी नहीं होती है, तो ये आपकी गलतफहमी है। क्योंकि इसमें तरह-तरह के कैमिकल्स और मिठास के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाता है। एक शोध में ये सामने आ चुका है कि डाइट सोडा, मीठे की तलब को बढ़ाता है। ऐसे में इसका सेवन करने वाले मीठे का सेवन कर लेते हैं और सोचते हैं कि थोड़ा सा मीठा खाने से उनकी सेहत पर कोई असर नहीं होगा।
मोटापा
इसमें कोई दोराय नहीं कि डाइट सोडा का सेवन करने से मोटापा नहीं बढ़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार कैलोरी की कटौती करने के लिए कई लोग डाइट सोडा का सेवन करते हैं, लेकिन इसमें काफी मात्रा में मीठा और कैलोरी मौजूद है। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि डाइट सोडा से भूख भी बढ़ सकती है।
टाइप-2 डायबिटीज का बढ़ता है खतरा
डाइट सोडा को लेकर दवा किया जाता है कि ये चीनी और वसा मुक्त होता है, लेकिन शोध में ये सामने आ चुका है कि डाइट सोडा से टाइप 2 डायबिटीज का ज्यादा खतरा बढ़ता है। इससे पेट की चर्बी भी बढ़ती है।
हृदय और किडनी पर असर
शोधकर्ताओं के अनुसार हर दिन एक से दो कप डाइट सोडा का सेवन करना हृदय संबंधित रोग को बढ़ता है। इसके अलावा इससे किडनी पर भी असर पड़ता है। ये किडनी के कार्यों में गिरावट और सेहत संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि डाइट सोडा से किडनी की कोशिकाओं में फ्री-रैडिकल के उत्पादन बढ़ता है।
हाजमे पर असर
शोध में ये भी सामने आ चुका है कि डाइट सोडा से पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि डाइट सोड में सुकरालोज, सैकरीन और स्टीविया जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर आंत में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया में संतुलन को बिगाड़ देता है। इससे मिचली, बदहजमी, पेट दर्द या गले में जलन होने जैसी समस्या हो सकती है।
- सिमरन सिंह