By अभिनय आकाश | Jul 01, 2022
पिछले 10 दिनों से चल रहे सत्ता संघर्ष में आखिरकार एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उसके बाद देवेंद्र फडणवीस भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के आदेश पर कैबिनेट में शामिल हुए। देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। अचानक से हुए इस सियासी मोड़ ने सभी नेताओं को झकझोर कर रख दिया। स्थानीय भाजपा नेताओं सहित किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि शिंदे मुख्यमंत्री बनेंगे। देवेंद्र फडणवीस की उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति से कुछ हलकों में निराशा भी दिखी। लेकिन महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे का क्लाइमेक्स अभी बाकी है। इसके पीछे की वजह है बीती देर रात राकांपा नेता और पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने सागर बंगले में देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है।
धनंजय मुंडे ने देर रात डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। फडणवीस के सागर बंगले में करीब आधे घंटे की मीटिंग हुई है। इससे राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल मची हुई है। कई लोग सोच रहे हैं कि यह कैसा नया राजनीतिक मुद्दा है। हालांकि धनंजय मुंडे ने इस संभावना से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री चुने जाने को लेकर फडणवीस से मुलाकात की थी। मुंडे और फडणवीस के बीच हुई इस मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। धनंजय मुंडे अजित पवार के करीबी हैं। 2019 में जब अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ली थी। तब धनंजय मुंडे अजित पवार गुट के साथ ही थे। हालांकि बाद में उन्होंने शरद पवार खेमे में वापसी कर ली थी।