By अनन्या मिश्रा | May 29, 2024
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा की 147 सीटों पर चुनाव चल रहे हैं। चुनाव से पहले केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और राज्य में करीब 24 सालों से शासन कर रहे पटनायक की बीजू जनता दल में आपसी तालमेल और गठबंधन का प्रयास हुआ। लेकिन जब सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पाई तो भाजपा और बीजेडी ने राज्य की सभी 147 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। लेकिन क्या जमीनी स्तर पर भाजपा वाकई में बीजेडी के उम्मीदवारों के सामने चुनौती पेश कर पा रही है। बता दें कि राज्य की 42 सीटों पर 01 जून 2024 को मतदान होना है।
इसी क्रम में राज्य की धामनगर विधानसभा सीट पर भी मतदान होना है। साल 2019 के चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी। लेकिन धामनगर सीट से भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी के निधन के कारण रिक्त हुई थी। जिसके बाद 2022 में इस सीट पर उपचुनाव हुए थे। इस दौरान भाजपा ने सेठी के पुत्र सूर्यवंशी सूरज को चुनावी मैदान में उतारा था। सूर्यवंशी सूरज ने बीजेडी प्रत्याशी अंबाती दास को शिकस्त दी थी। तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी बाबा हरेकृष्णा सेठी को सिर्फ 3,561 मत मिले थे।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने धामनगर उपचुनाव को लेकर इमोशनल कार्ड खेला था। पार्टी ने इस सीट से विधायक रहे विष्णु चरण सेठी के बेटे सूर्यबंशी सूरज को चुनावी मैदान में खड़ा किया था। साल 2019 से पहले धामनगर विधानसभा सीट पर बीजू जनता दल का कब्जा रहा है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर इस सीट से सूर्यबंशी सूरज को चुनावी मैदान में उतारा है और बीजेडी ने संजय कुमार दास पर भरोसा जताया है। तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने रंजन कुमार बेहरा पर दांव लगाया है। ऐसे में इस बार साल 2024 के चुनाव में बीजेडी जहां एक बार फिर इस सीट को वापस पाने की कोशिश करेगी, तो वहीं भाजपा के सामने इस सीट को बचाए रखने की चुनौती होगी।