शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस ने आज अपना इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। इसके ऐलान के बाद उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौपा। इससे पहले उन्होंने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना पर जमकर आरोप लगाया।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जनता ने भाजपा गठबंधन को जनादेश दिया था। फडणवीस ने इस बात से इनकार किया कि शिवसेना के साथ कभी भी ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। हालांकि हमने शिवसेना का हमेशा इंतजार किया कि वह हमारे साथ आएंगे। लेकिन शिवसेना हमारे साथ आने के बजाय कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत करना शुरू कर दिया। जो लोग किसी से मिलने के लिए मातोश्री (ठाकरे निवास) के बाहर कदम नहीं रखते थे, वे एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए घर-घर जा रहे थे।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं उन सभी को शुभकामना देता हूं जो भी सरकार बनाएंगे। लेकिन यह एक बहुत ही अस्थिर सरकार होगी क्योंकि इसमें बहुत अंतर है। सत्ता की भूख इतनी है कि अब शिवसेना के नेता भी सोनिया गांधी के साथ सहयोगी होने को तैयार हैं। मुझे संदेह है कि यह थ्री-व्हीलर सरकार स्थिर होगी लेकिन भाजपा एक प्रभावी विपक्ष के रूप में काम करेगी और लोगों की आवाज उठाने की कोशिश करेगी। हमने तय किया था कि हम कभी भी घोड़ों के व्यापार में लिप्त नहीं होंगे, कि हम कभी किसी विधायक को तोड़ने की कोशिश नहीं करेंगे। जिन लोगों ने कहा कि हम घोड़े के व्यापार में लिप्त हैं, उन्होंने पूरे घोड़े को स्थिर खरीद लिया।