By अंकित सिंह | Jul 05, 2022
महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच देवेंद्र फडणवीस का एक बड़ा बयान सामने आया है। देवेंद्र फडणवीस ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इस बात की घोषणा कर दी है कि आखिर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री कैसे बने। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर मैं अनुरोध किया होता तो मैं मुख्यमंत्री बन सकता था। लेकिन हमने विचारधारा के लिए शिवसेना को मुख्यमंत्री बनाया। इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी दावा किया कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव मेरा था। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कह दिया है कि यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि एकनाथ शिंदे एक सफल मुख्यमंत्री बने। वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने खुद के उपमुख्यमंत्री पद को लेकर भी बड़ा बयान दिया है।
देवेंद्र फडणवीस ने साफ तौर पर कहा कि डिप्टी सीएम बनने पर कोई रंज नहीं है। पार्टी की जरूरत थी इसलिए मैंने शपथ लिया। दोबारा जनादेश लेकर सरकार बनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि वरिष्ठ नेताओं ने मुझे सरकार में शामिल होने के लिए कहा था। पार्टी नेताओं का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि था। अमित शाह साथ थे इसलिए यह सब हो पाया। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जोर देकर कहा कि अगर मैं इससे बाहर रहा तो सरकार नहीं चलेगी, इसलिए मैंने उनके आदेश पर उप मुख्यमंत्री पद स्वीकार किया। इससे पहले आज फडणवीस ने कहा था कि आने वाले 2.5 वर्ष 'कर्म योग' के लिए हैं। हम महाराष्ट्र को देश का नंबर 1 राज्य बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम करेंगे... हम न केवल सत्ता में इन 2.5 वर्षों को पूरा करेंगे बल्कि अगले 5 वर्षों के लिए बहुमत के साथ सरकार भी बनाएंगे।
आपको बात दें कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो चुका है। सरकार ने विधानसभा में बहुमत भी हासिल कर लिया है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के लगभग 40 विधायकों ने बगावत कर ली थी। जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही महा विकास आघाडी की सरकार खतरे में आ गई थी। विधायकों को मनाने की कोशिश की गई थी। हालांकि बाद में उद्धव ठाकरे ने खुद ही इस्तीफा दे दिया। महा विकास आघाडी की सरकार को कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन हासिल का था। जब उद्धव ठाकरे की सरकार गिरी तो सभी को इस बात की उम्मीद थी कि भाजपा देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाएगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। भाजपा ने एकनाथ शिंदे को समर्थन दिया और एकनाथ शिंदे ने ही मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।