चुनाव के बावजूद भारत आर्थिक सुधार, वृद्धि जारी रहनी चाहिए: आईएमएफ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 21, 2018

वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि भारत में आगामी चुनाव के बावजूद आर्थिक वृद्धि और सुधार कार्यक्रम जारी रहने चाहिए तथा श्रम सुधारों एवं संगठित रोजगार क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि आगामी एक साल के दौरान कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव और 2019 का आम चुनाव होने हैं। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक चांगयोंग र्ही ने कहा, "हम यह नहीं कह रहे हैं कि चुनावों के चलते सुधार कार्यक्रमों की गति धीमी होगी बल्कि हमारा कहना हैं कि चुनाव के बावजूद सुधार कार्यक्रमों और आर्थिक वृद्धि में तेजी का जोर बना रहना चाहिए।" 

 

उन्होंने कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के कारण थोड़े झटको के बाद आर्थि गति में तेजी लौट आयी है और देश की वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। आईएमएफ के एशिया एवं प्रशांत विभाग के उप - निदेशक केन कांग ने कहा कि जीएसटी " एक प्रमुख सुधार " है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में सुधार कार्यक्रमों में तेजी आई है ... जीएसटी से देश में वस्तुओं एवं सेवाओं को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में आसानी होगी और इससे एक साझा राष्ट्रीय बाजार विकसित करने में एवं रोजगार तथा वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। कांग ने कहा कि भारत को श्रम सुधारों, संगठित रोजगार क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने , कारोबारी माहौल में सुधार और जटिल नियमों को आसान बनाने पर ध्यान देना चाहिए।मुद्रा कोष को उम्मीद है कि ‘ सुधार कार्यक्रम जारी रहेंगे।’

 

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