By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 30, 2017
गोवा और मणिपुर की राज्यपाल के आचरण पर चर्चा का मुद्दा आज एक बार फिर राज्यसभा में उठा और उपसभापति पीजे कुरियन ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से कहा कि वह सदन के नेता अरुण जेटली को सदन की इस भावना से अवगत करा दें कि इस विषय में जल्द से जल्द चर्चा होनी चाहिए। सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि उनके समुचित नोटिस को आसन ने स्वीकार कर लिया है लेकिन उस पर चर्चा नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि आसन और संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा था कि राज्यपाल के आचरण पर समुचित नोटिस के बाद ही चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनका समुचित नोटिस अब भी लंबित है क्योंकि सदन के नेता अरुण जेटली ने चर्चा के लिए समय तय किए जाने के संबंध में अभी तक सभापति से विचार विमर्श नहीं किया है। सिंह ने आरोप लगाया कि दोनों राज्यों में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का मौका नहीं देकर संविधान का उल्लंघन किया गया है।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आसन ने चर्चा के लिए समुचित नोटिस देने को कहा था और वह नोटिस आसन के पास लंबित है। उन्होंने कहा कि यह सत्र अब समाप्त होने वाला है और इसमें कामकाज के बहुत ज्यादा दिन नहीं रह गए हैं। आजाद ने आरोप लगाया कि दोनों राज्यों में सरकारें बिना बहुमत की हैं और वे जोड़तोड़ वाले बहुमत से चल रही हैं। संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने जवाबी आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए दावा तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक ही आपके बारे में क्या कह रहे थे।
कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि भाजपा को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बहुमत के बाद भी सरकार बनाने का दावा करने में आठ दिन लग गए। माकपा के तपन कुमार सेन सहित कई अन्य सदस्यों ने भी यह मुद्दा उठाया। इस पर उपसभापति कुरियन ने कहा कि उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री से कहा है कि वह इस विषय पर सदन में जल्दी चर्चा के बारे में सदन के नेता को अवगत करा दें।