By अंकित सिंह | Dec 16, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने विवादित बयान दे दिया था। बिलावल भुट्टो के इस बयान के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ भारत में विरोध एक बार फिर से तेज हो गया है। दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बयान को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भी जमकर नारे भी लगे। दूसरी ओर, बिलावल भुट्टो के बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साफ तौर पर कहा है कि पाकिस्तान की हरकतों को पूरी दुनिया जानती है। वह आतंकवादियों को काफी लंबे समय से पनाह दे रहा है।
अपने बयान में अनुराग ठाकुर ने कहा कि पाकिस्तान की हरकतों और मंसूबों को दुनिया देख चुकी है। ये लंबे समय से आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। अमेरिका ने पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का बयान बेहद शर्मनाक था और जिस तरह 1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को परास्त किया था, उसे दोहराने की कोशिश थी। शायद वह अब भी दर्द में हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई किसी ने की है तो मोदी सरकार में हुई है। इस तरह के बयान किसी भी विदेश मंत्री को शोभा नहीं देती।
आपको बता दें कि बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं भारत को बताना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन तो मर चुका है लेकिन गुजरात का कसाई अभी जिंदा है जो भारत का प्रधानमंत्री हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिका ने उनकी एंट्री पर बैन लगा दिया था। नरेंद्र मोदी और एस जयशंकर पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह दोनों भारत के नहीं, बल्कि आरएसएस के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री हैं। दरअसल, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस देश ने अल-कायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन को सुरक्षित पनाहगाह दी और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसे संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था में ‘उपदेश’ देने का कोई अधिकार नहीं है।