नयी दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चौथे सप्ताह में प्रवेश कर गया है और अब भी हजारों
किसान दिल्ली की सीमा पर अपनी मांगों के साथ बैठे हुए हैं। हालांकि
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह इस गतिरोध को सुलझाने के लिए एक समिति गठित करेगा। बुधवार को अदालत ने यह संज्ञान लिया कि प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार की बातचीत ‘प्रत्यक्ष तौर पर काम नहीं कर पाई’ और उसे असफल होना ही था।
अदालत ने कहा कि वे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों को शामिल करके एक समिति का गठन करेंगे। लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं का कहना है कि यह कोई समाधान नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी के मुख्य यातायात मार्गों पर 22 वें दिन बृहस्पतिवार को भी प्रदर्शन की वजह से जाम है। किसान सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर पर जमे हुए हैं और इससे दिल्ली के कई मार्ग हैं। शहर की पुलिस ने बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद है और लोगों से लामपुर, सफियाबाद और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर वैकल्पिक मार्ग पर जाने को कहा गया है और मुकरबा तथा जीटीके रोड से यातायात मोड़ा गया है।
इसमें हरियाणा की ओर जाने वाले लोगों को झाडौदा (सिर्फ एक मार्ग), दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बार्डर से जाने को कहा गया। उन्होंने कहा कि आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से बचें। प्रदर्शन के कारण गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए गाजीपुर बॉर्डर बंद रहेगा। लोगों को आनंद विहार, डीएनडी, चिल्ला, अप्सरा और भोपुरा बॉर्डर से होकर आने की सलाह दी जाती है।