By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 10, 2019
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में राजनीति हिंसा की पृष्ठभूमि में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इसी बीच भाजपा ने कहा कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं कर रही है, लेकिन वह विजय जुलूस सहित उनके राजनीतिक कार्यक्रमों पर ममता बनर्जी सरकार द्वारा लगायी गई रोक की अवहेलना जरूर करेगी। भाजपा के महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जिन लोकसभा सीटों पर जीती है, उसने वहां विजय जुलूस निकाले हैं, लेकिन राज्य सरकार ने धारा 144 लगा कर हमारे ऊपर प्रतिबंध लगा दिया है। धारा 144 के तहत पांच या ज्यादा लोगों के एक जगह एकत्र होने की मनाही होती है।
इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन जैसी कार्यवाई का विरोध करेगी माकपा: येचुरी
यह पूछने पर कि क्या भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करेगी, उन्होंने इससे इंकार किया। विजयवर्गीय ने कहा कि हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करना चाहते हैं। लेकिन राज्य सरकार ने उसके अधिकारों का इस्तेमालहमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिये किया है। हमारे खिलाफ जो कार्रवाई की जा रही है हम उसका उल्लंघन करेंगे। यह हमारा अधिकार है। भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में 12 जून को राज्य में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इन कार्यकर्ताओं की हत्या उन लोगों द्वारा की गयी है जो कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं।
इसे भी पढ़ें: केन्द्र और भाजपा बंगाल में हिंसा भड़काने की कर रही है कोशिश: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी और उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधते हुए विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े लोगों को निशाना बनाने वाले तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पीछे ‘बुआ-भतीजे’ के हाथ हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल त्रिपाठी ने मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राज्य के मौजूदा हालात से अवगत कराया। राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसक घटनाओं में अब तक दर्जनों लोग मारे गए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद त्रिपाठी ने आज पहली बार प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भेंट की।