नयी दिल्ली। दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल की नगर निगम चुनाव को कम से कम एक या दो महीने तक टालने की मांग को अस्वीकार कर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात के बाद बताया कि वीवीपेट मशीन से निगम चुनाव कराने की मांग को लेकर उन्होंने आयोग से चुनाव टालने का अनुरोध किया था।केजरीवाल ने बताया कि हमने आयोग को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को वीवीपेट मशीन से युक्त ईवीएम से ही चुनाव कराने का आदेश दिया था। अदालत ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंकाओं के मद्देनजर ही वीवीपेट युक्त मशीनों से चुनाव कराने को अनिवार्य बताया था। इसके हवाले से हमने आयोग से पूछा है कि निगम चुनाव में बिना वीवीपेट मशीन वाली ईवीएम से चुनाव क्यों कराया जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि हमने पहली पीढ़ी की नकार दी गयी ईवीएम से निगम चुनाव कराने पर भी सवाल उठाया। इस पर आयोग ने निगम चुनाव के लिये वीवीपेट युक्त मशीनें मुहैया कराने के लिये केन्द्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखने का आश्वासन दिया है। लेकिन हमने कहा कि अब मतदान में सिर्फ एक सप्ताह रह गया है। इतने कम समय में मशीनों को बदलना नामुमकिन है। इसे देखते हुये हमने राज्य निर्वाचन आयुक्त से अनुरोध किया कि वह केन्द्रीय चुनाव आयोग से एक या दो महीने के लिये चुनाव स्थगित करने का अनुरोध करें।
उन्होंने कहा कि लेकिन उन्होंने (आयोग ने) कानून में निगम का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं होने के कारण चुनाव टालने के अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया। हालांकि केजरीवाल ने कहा कि हमने निर्वाचन आयुक्त को एमसीडी कानून में केन्द्र सरकार को निगम का कार्यकाल एक साल तक बढ़ाने के अधिकार से जुड़े प्रावधान दिखाये, लेकिन फिर भी वह उनका अनुरोध मानने को तैयार नहीं है।इस दौरान केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा भी पहली पीढ़ी की मशीनों से राज्य में निगम चुनाव नहीं कराने से केन्द्रीय चुनाव आयोग को सूचित करने का हवाला देते हुये दिल्ली में पुरानी मशीनों से चुनाव कराने पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मतपत्र से मतदान की मंजूरी देने वाला चुनाव आयोग दिल्ली में पुरानी मशीनों से मतदान कराने पर क्यों अड़ा है।